750 केंद्रीय अधिकारियों को 45 हजार गांवों तक योजनाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी, PMO रखेगा नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने केंद्र के करीब 750 अधिकारियों को 115 महत्वकांक्षी जिलों के लगभग 45,000 गांव में सरकार की सात योजनाओं को पहुंचाना की जिम्मेदारी सौंपी है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों को यह काम 15 अगस्त तक पूरा करना होगा। खास बात यह है कि पूरे कार्यक्रम पर प्रधानमंत्री कार्यलय (PMO) बारीकी से नजर रखेगा। एक अधिकारी को 75 गांवों की जिम्मेदारी दी गई है।
इसमें हर अधिकारी को अपने तीन दौरे में एक गांव में केंद्र की योजनाओं को ले जाना होगा। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस काम के लिए 15 अगस्त तक समय सीमा तय की गई है। योजना के मुताबिक प्रत्येक जिले के लिए ‘प्रभारी’ अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। सात योजनाओं में पांच योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने में खासा ध्यान दिया जाएगा। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आहार, कौशल और कृषि शामिल हैं।
पूरे कार्यक्रम की निगरानी दिल्ली के कृषि भवन में बैठे अधिकारी द्वारा बारीकी से की जाएगी। योजना में सबसे अधिक बिहार के गावों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 8,569 गांवों को सरकार की महत्वपूर्ण योजना में शामिल किया गया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल (7,981), झारखंड (6,512), उत्तर प्रदेश (5,130) और मध्यप्रदेश (3,048) हैं।
हालांकि खासतौर पर सरकार के इस कार्यक्रम का लक्ष्य घरों की गरीबी और भौगोलिक क्षेत्रों की गरीबी को लक्षित करना है। नाम ना छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।