7th Pay Commission: गुजरात सरकार ने चुनाव से पहले दिया सैलरी बढ़ाने का तोहफा, फ्री मेडिकल की भी सुविधा

गुजरात सरकार ने राज्य में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सैलरी देने की घोषणा कर दी है। इसके तहत टीचर्स और नगर निगम के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा मिलेगा। राज्य सरकार इन कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाकर देगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने मां वात्सल्य स्कीम के तहत इलाज कराने की सुविधा में भी इजाफा किया है। जो लोग 2.5 लाख रुपए सालाना तक कमाते हैं वह इस योजना के तहत फ्री में इलाज करा सकते हैं। गुजरात के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इसके 2,00,000 सालाना तक कमाने वाले ही इलाज करा सकते थे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सेकेंडरी स्कूल के टीचर्स की सैलरी को 16,500 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दिया गया है। वहीं अब असिस्टेंट टीचर्स को अब 16,224 रुपए महीने मिलेंगे। पहले इनकी सैलरी 10,500 रुपए महीने थी। इसके अलावा एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट्स की सैलरी को बढ़ाकर अब 19,950 रुपए महीने कर दिया गया है। इनकी सैलरी 11,500 रुपए महीने थी।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार अगले साल अपने कर्मचारियों के लिए 7 वें वेतन आयोग या 7वीं सीपीसी की सिफारिश के अलावा न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी कर सकती है। केंद्र सरकार न्यूनतम वेतन में को 18,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने पर विचार कर रही है। न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए 7 वें वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित है और कैबिनेट की मंजूरी भी मिल गई है। इसके अलावा सरकार फिटमेंट फेक्टर को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है। सरकार फिटमेंट फेक्टर को 2.57 से बढ़ाकर 3.00 करने पर विचार कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली द्वारा बनाई गई  नेशनल एनोमली कमेटी (NAC) न्यूनतम वेतन में 17 फीसदी और बढ़ोतरी की सिफारिश कर सकती है। कमेटी न्यूनतम वेतन को 18,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपए करने की सिफारिश कर सकती है। हालांकि, सरकार न्यूनतम वेतन बढ़ाने के बाद एरियर नहीं देगी। सरकार न्यूनतम सैलरी बढ़ाने के बाद एरियर देकर सरकारी खजाने पर और बोझ नहीं डालना चाहती है।

 

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