7th Pay Commission: क्या हाई लेवल कमेटी सैलरी और फिटमेंट फेक्टर बढ़ाने की सिफारिश करेगी
केंद्रीय कर्मचारी 7th Pay Commission की सिफारिशों से परे भी सैलरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए नेशनल अनोमली कमेटी भी बनाई थी। अब सरकार कर्मचारियों की मांगों को देखते हुए एक हाई लेवल कमेटी बना सकती है। पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या हाई लेवल कमेटी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे सैलरी और फिटमेंट फेक्टर बढ़ाने के लिए सिफारिश करेगी, या फिर एक बार केंद्रीय कर्मचारियों को मायूसी हाथ लगेगी।
केंद्रीय कर्मचारियों ने जब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे सैलरी और फिटमेंट फेक्टर बढ़ाने की मांग की थी तब वित्त मंत्रालय की तरफ से एक हाई लेवल कमेटी बनाने का वादा किया गया था। ऐसा हो सकता है कि कैबिनेट सेक्रेटरी प्रदीप कुमार सिन्हा इस कमेटी के अध्यक्ष हों। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाई लेवल कमेटी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से परे वेतन बढ़ाने पर अपनी रिपोर्ट 6 महीने में सबमिट करेगी। इस समिति में गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के सचिवों के अलावा डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग, पेंशन, रिवेन्यू, एक्सपेंडेचर, हेल्थ, रेलवे बोर्ड के साइंस एंड टेक्नॉलोजी के चैयरमेन और डिप्टी कैग इसके मेंबर हो सकते हैं।
गौरतलब है कि कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम वेतन को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 18,000 रुपए महीने करने को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 गुना बढ़ा दिया गया है। इसके बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए महीने से बढ़ाकर 26,000 रुपए महीने किया जाए और फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना बढ़ाने के बजाए 3.68 गुना बढ़ाया जाए। सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए नेशनल अनोमली कमेटी बनाई थी। केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि यह कमेटी न्यूनतम सैलरी को 18,000 रुपए से बढ़ाकर 21,000 रुपए करने का सुझाव देगी। इसके अलावा फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 से बढ़ाकर 3.00 करने का सुझाव देगी।