7th Pay Commission: बढ़ी हुई सैलरी के एरियर पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कर्मचारियों को नहीं मिलेगा बकाया
केंद्र सरकार बहुत ही जल्द केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम आय में बढ़ोतरी करने जा रही हैं। एक तरफ तो कर्मचारियों को सरकार सैलरी बढ़ाकर तोहफा दे रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार ने फैसला लिया है कि इन कर्मचारियों को एरिएर की सुविधा नहीं दी जाएगी। इस महीने के शुरुआत में मीडिया की सुर्खियों में छाया था कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ा दिया गया है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपए है जो कि सरकार के इस फैसले के बाद 21,000 रुपए प्रति माह हो जाएगा।
जून में वित्त मंत्रालय ने 2.57 गुना के फिटमेंट फॉर्म्युले को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था। केंद्रीय कर्मचारियों के यूनियन ने इसे बढ़ाकर 3.68 फिटमेंट फॉर्म्यूलें की मांग की गई थी। कर्मचारियों की इस मांग पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़ाने का वादा किया था। द सेन टाइम की खबर के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वे 2.57 गुना के फिटमेंट फॉर्म्यले को बढ़ाकर 3.00 गुना करने वाली है। इसका लाभ कर्मचारियों को अगले साल जनवरी से मिलेगा। यह केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर वित्तीय प्रभाव के लिए एक महत्वपूर्ण भुगतान है।
पिछले साल सितंबर में सरकार द्वारा 22 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया था जिसे केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा उठाई जा रही मांगों को लेकर उसपर विचार करना और उसके सभी पहलुओं को देखना था। इस कमेटी का नेतृत्व कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने किया था। पिछले वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों का बेसिक पे 7 हजार रुपये था जो फिटमेंट फॉर्म्यूले बढ़ने के बाद 18 हजार रुपये हो हगया था।