महाराष्ट्र: खुले में शौच करने पर महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए पहनाई गई माला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अभियान के माध्यम से स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त भारत के लिए जोर दे रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र में अभी इस मुहिम को पूरी तरह सफलता नहीं मिल पाई है। हालांकि जिला परिषद अधिकारियों ने इस मुहिम को कामयाब बनाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। दरअसल यहां खुले में शौच करने पर महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए माला पहनाई गई है। जिला परिषद सीईओ राजेंद्र जो एक आईएएस अधिकारी भी हैं, सिर्फ यहीं नहीं रुके उन्होंने उन महिलाओं की तस्वीरों को सार्वजिनिक रूप से मीडियाकर्मियों को भेजा। गौरतलब है कि हैरान करने वाली घटना सोलापुर जिले चिकमहुद गांव की है। स्थानीय निवासियों के अनुसार ये महिलाएं गरीब मजदूर हैं जो शौचालय निर्माण में समर्थ नहीं थीं। वहीं इस दौरान शौचालयों निर्माण को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए जिला परिषद सीईओ राजेंद्र गांव में थे।
इस दौरान सुबह के वक्त राजेंद्र ने अपनी ‘गुड मोर्निंग टीम’ के साथ ऐसी दो महिलाओं को माला पहनाकर शर्मिदा किया जो खुले में शौच कर आ रहीं थीं। वहीं घटना की महिला पॉलिटिशियन ने कड़ी निंदा की है और जिला परिषद सीईओ के खिलाफ तुंरत कार्रवाई की मांग की है। मामले में इंडिया टुडे से सोलापुर विधायक प्रणिती शिंदे ने कहा कि हमने जीपी सीईओ के तुंरत निलंबन की मांग की है। इस तरह का व्यवहार महिलाओं का अपमान है। महिलाओं की तस्वीरों को सार्वजनिक करने पर उनके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं घटना मामले में जीपी सीईओ राजेंद्र ने सफाई देते हुए कहा कि हमने महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए ऐसा नहीं किया। स्थानीय महिलाओं ने खुद की मदद से ऐसा किया था। मैं महिलाओं की तस्वीरें सार्वजनिक करने के खिलाफ हूं। मैंने तो महिलाओं से यहां तक कहा था कि वो इस तरह से किसी की तस्वीर को वायरल ना करें।