नाम से ‘मुस्लिम’ हटाने पर बोले यूनिवर्सिटी पीआरओ- धर्मनिरपेक्ष है AMU, धर्म नहीं, मेरिट पर होता है दाखिला

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पैनल ने सिफारिश की है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ‘मुस्लिम’ शब्द और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नाम से ‘हिंदू’ शब्द हटाए जाएं। इस पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने कहा है कि एएमयू हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रही है तो ऐसे में यह विचार विरोधाभासी है। इंडिया टुडे.कॉम ने अपनी रिपोर्ट में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पीआरओ मोहम्मद असीम सिद्दिकी के हवाले से लिखा है, ‘मैंने सुबह यह रिपोर्ट देखी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से यह कहीं भी नहीं लगता कि ये यूनिवर्सिटी धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं। यूनिवर्सिटी हमेशा से धर्मनिरपेक्ष रही है तो ऐसे में यह सिफारिश विरोधाभासी है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि इन यूनिवर्सिटीज में छात्रों का प्रवेश धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि मेरिट के आधार पर होता है।

बता दें, केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों के एक सरकारी ऑडिट में सलाह दी गई है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) और बनारस हिन्‍दू यूनिवर्सिटी (BHU) के नाम से क्रमश: ‘मुस्लिम’ व ‘हिन्‍दू’ शब्‍द हटा लिया जाए। ताकि विश्‍वविद्यालयों का सेक्‍युलर चरित्र प्रदर्शित हो सके। पैनल ने कहा है कि इन यूनिवर्सिटीज को सामान्य ‘बनारस विश्वविद्यालय’ और ‘अलीगढ़ विश्वविद्यालय’ के नाम से भी बुलाया जा सकता है।  विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा बनाई गई पांच कमेटियों में से एक ने यह ऑडिट 25 अप्रैल को मानव संसाधन मंत्रालय के कहने पर किया था। मंत्रालय 10 केंद्रीय विश्‍वविद्यालयों में अनियमितताओं की शिकायतों की जांच चाहता था।

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