मध्य प्रदेश: रात 2 बजे के बाद अगर रखा इस मंदिर में कदम तो अवश्य हो जाएगी मौत
कलयुग के इस काल में भी कई कथन जब हमारे सामने आते हैं तो शरीर कांपने लगता है। वृंदावन में मौजूद निधि वन के बारे में तो कई लोग परिचित हैं कि वहां आज भी भगवान कृष्ण आते हैं और राधा और बाकि अपनी रानियों के साथ रास रचाते हैं। इस वन को लेकर मान्यता है कि वहां रात को जो भी रुकने के प्रयास करता है या तो उसकी मृत्यु हो जाती है या वो अपना दिमाग खो बैठता है। निधि वन में एक रंगमहल मौजूद है, उसके लिए ये मान्यता है कि वहां रात को लीला के बाद राधिका के साथ विश्राम करते हैं। आज भी उस महल को रात को सजाया जाता है और सुबह खोल कर देखने को वहां की सभी वस्तुएं इस्तेमाल की हुई मिलती हैं।
इसी तरह एक मैहर शारदा माता का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर की बहुत अधिक मान्यता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 1063 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर में मां के लाखों भक्तों की भीड़ आती है। इस मंदिर में शारदा देवी के साथ भगवान नरसिंह की एक मूर्ति है। इन मूर्तियों को नापुला देवा द्वारा शक् 424 चैत्र कृष्ण पक्ष पर 14 मंगलवार, विक्रम संवत् 559 अर्थात 502 ई. में स्थापित किया गया था। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में बकरी की बलि देने की प्रथा थी लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। स्थानीय परंपरा के हिसाब से आज तक लोग माता के दर्शन के साथ- साथ दो महान योद्धाओं आल्हा और ऊदल, जिन्होंने पृथ्वी राज चौहान के साथ भी युद्ध किया था, का भी दर्शन अवश्य करते हैं। ऐसी मान्यता है कि उन्हें मां से अमरत्व का वरदान मिला था।
आल्हा और ऊदल माता के सबसे बड़े भक्त थे। श्रद्धालु दूरदराज से यहां माता रानी का दर्शन करने आते हैं। यहां नवरात्र में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। आल्हा माता रानी को ‘शारदा माई’ तथा देवी मां कह कर बुलाते थे और अब इसी नाम के रूप में माता मां शारदा लोकप्रिय हो गई हैं। मैहर माता का मंदिर सिर्फ रात्रि 2 से 5 बजे के बीच बंद किया जाता है, इसके पीछे एक बड़ा रहस्य छुपा है। ऐसी मान्यता है कि आज भी आल्हा मां के मंदिर आते हैं और उनका श्रृंगार करते हैं। माना जाता हैं कि इस दौरान अगर कोई मां के मंदिर में आता है तो उसकी मृत्यु निश्चित होती है।