अब मुंबई के रिहायशी इलाकों में पटाखों की बिक्री पर बैन

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के रिहायशी इलाकों में अस्थायी (टेम्परोरी) पटाखा विक्रेताओं को पटाखे की ब्रिकी की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई के आबादी वाले इलाकों में टेम्परोरी वेंडर दिवाली में पटाखा बिक्री नहीं कर पाएंगे। दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट से कुछ अस्थायी पटाखा विक्रेताओं ने पटाखा बेचने की अनुमति मांगी थी। इससे पहले प्रशासन द्वारा पटाखा बेचने का इनका लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया था। इसके बाद ये क्रैकर्स विक्रेता कोर्ट गये थे। अदालत ने कहा कि कोई भी विक्रेता जो अस्थायी तौर पर मुंबई के रिहायशी इलाकों में पटाखा बेचना चाहते हैं उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। अदालत के इस फैसले का पटाखा चलाने पर असर नहीं पड़ेगा। लोग नियमित पटाखा विक्रेताओं से फायर क्रैकर्स खरीद सकेंगे। बता दें कि इससे पहले सोमवार (9 अक्टूबर) को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी थी।

बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री और शिवसेना नेता रामदास कदम ने कहा था कि वह भी दिल्ली की तर्ज पर मुंबई में भी पटाखों को बैन करने के लिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से बात करेंगे और पटाखों पर बैन लगाने के लिए अनुरोध करेंगे।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में दिवाली के दौरान दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर रोक लगाने वाले नवंबर 2016 के आदेश को बरकार रखते हुए यह फैसला सुनाया।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सिकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसले को बरकरार रखते हुए कहा, “हमें कम से कम एक दिवाली पर पटाखे मुक्त त्योहार मनाकर देखना चाहिए।” अदालत ने कहा कि दिल्ली एवं एनसीआर में पटाखों की बिक्री और भंडारण पर प्रतिबंध हटाने का 12 सितंबर 2017 का आदेश एक नवंबर से दोबारा लागू होगा यानी एक नवंबर से दोबारा पटाखे बिक सकें

 

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