जनता की जेब पर मेट्रो की मार

दिल्ली मेट्रो के किराए को लेकर चली लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार मेट्रो का बढ़ा किराया लागू हो गया। अब आप पांच किलोमीटर से अधिक की दूरी की यात्रा करेंगे तो आपको बढ़े हुए किराए के मद्देनजर 10 रुपए अधिक देने होंगे। पांच माह में दूसरी बार बढ़े इस किराए के बाद पांच किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा करने वाले सभी यात्री प्रभावित होंगे। वहीं, दो से पांच किलोमीटर की यात्रा करने वालों को पांच रुपए अधिक का भुगतान करना होगा। इससे पहले दिल्ली विधानसभा ने मेट्रो की किराया वृद्धि के ‘औचित्य’ की जांच करने और डीएमआरसी की वित्तीय सेहत की पड़ताल करने के लिए नौ सदस्यों की एक समिति का गठन करने का प्रस्ताव पारित किया।

आप सरकार ने इस बढ़ोतरी को जनता पर बड़ा बोझ बताया है। नया किराया इस प्रकार तय हो गया है : दो किलोमीटर तक के लिए 10 रुपए, दो से पांच किलोमीटर तक के लिए 20 रुपए, पांच से 12 किलोमीटर के लिए 30 रुपए, 12 से 21 किलोमीटर के लिए 40 रुपए, 21 से 32 किलोमीटर के लिए 50 रुपए और 32 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के लिए 60 रुपए। स्मार्ट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को प्रत्येक यात्रा पर दस फीसद की छूट मिलती रहेगी। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अनुमान के अनुसार, मेट्रो के कुल यात्रियों में से 70 फीसद स्मार्ट कार्ड उपभोक्ता हैं। उन्हें सुबह आठ बजे तक, दोपहर को 12 बजे से पांच बजे के बीच और रात को नौ बजे से मेट्रो सेवाएं समाप्त होने तक सामान्य समय के दौरान 10 फीसद की अतिरिक्त छूट मिलेगी। डीएमआरसी के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय डीएमआरसी बोर्ड ने इस मामले में ‘हस्तक्षेप’ करने से इनकार कर दिया जिसके बाद इसकी घोषणा की गई।

बोर्ड ने कहा कि किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों में दखल देने या बदलाव करने का बोर्ड के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री के आग्रह पर फैसले पर रोक लगाने के लिए बोर्ड ने सोमवार रात निर्माण भवन में बैठक की। दिल्ली विधानसभा ने बढेÞ किराए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि यह निजी कैब आॅपरेटरों को लाभ पहुंचाने की ‘साजिश’ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरव्ािंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, बोर्ड में 16 निदेशकों में से दिल्ली सरकार के पांच निदेशक हैं, जिन्होंने इसका विरोध किया। हालांकि केंद्र ने हठी रवैया दिखाया। यह वृद्धि काफी अनुचित है। केंद्र को आम आदमी का अधिक खयाल रखना चाहिए था। डीएमआरसी बोर्ड में दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (वित्त) और परिवहन आयुक्त शामिल हैं। डीएमआरसी ऋण और बिजली की बढ़ती दरों आदि के कारण काफी समय से नुकसान उठाने की बात कहती रही है।

नया किराया मेट्रो की ब्लू, येलो, रेड, ग्रीन और वायलेट लाइन पर लागू होगा। एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन (आॅरेंज लाइन) के किरायों में कोई बदलाव नहीं होगा। जब दिल्ली मेट्रो ने 25 दिसंबर 2002 को अपनी सेवाएं शुरू की थीं तो न्यूनतम किराया चार रुपए और अधिकतम किराया आठ रुपए था।
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को दावा किया कि मेट्रो किराए में की गई वृद्धि से यात्रियों की संख्या में कमी आएगी और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को नुकसान उठाना होगा।

 

किराए में वृद्धि के औचित्य पर समिति गठन का प्रस्ताव पारित

दिल्ली विधानसभा ने मंगलवार को मेट्रो किराए में बढ़ोतरी के पीछे औचित्यके अध्ययन के लिए नौ सदस्यों वाली एक समिति के गठन का प्रस्ताव पारित किया है। वहीं विपक्ष ने पूछा कि केजरीवाल सरकार छह महीने पहले किए गए फैसले पर अब तक खामोश क्यों थी? मंगलवार को विधायक संजीव झा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के बाद सदन ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया। जिसमें कहा गया है, ‘यह सदन डीएमआरसी की ओर से की गई किराया वृद्धि के पीछे के औचित्य, डीएमआरसी के वित्तीय स्वास्थ्य और अन्य संबंधित मुद्दों की पड़ताल के लिए विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मनोनीत नौ सदस्यों की समिति के गठन पर सहमति जताता है’।

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