यशवंत सिन्हा का दूसरा वार, बोले- अमित शाह के बेटे के मामले में नैतिक आधार खो चुकी BJP

देश की इकोनॉमी को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोपों के तीर छोड़ने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा सरकार पर दूसरा हमला किया है। यशवंत सिन्हा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बटे जय शाह को लेकर कहा है कि इस मामले बीजेपी इस तरह से प्रतिक्रिया दे रही है जिसे देखने के बाद लगता है कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि करप्शन पर उनकी पार्टी नैतिक आधार खो चुकी है। देश की इकोनॉमी को रसातल में ले जाने का आरोप लगाकर अपनी पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले 79 साल के यशवंत सिन्हा ने कहा कि बीजेपी ने जय शाह के केस में कई गलतियां की है। यशवंत सिन्हा ने एनडीवी को कहा कि जिस तरह से ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जय शाह को लोन दिया गया इसके बाद पूर्व ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने उनका बचाव किया इससे ये अर्थ निकलता है कि कोई ना कोई गड़बड़ है। यशवंत सिन्हा ने इस मामले में सरकारी वकील तुषार मेहता द्वारा जय शाह की पैरवी किये जाने पर भी सवाल उठाया। यशवंत सिन्हा ने पटना में कहा, ‘एडिशनल सॉलिसिटर जनरल द्वारा एक निजी व्यक्ति का मुकदमा लड़ना ऐसा कभी नहीं हुआ है।’ इससे पहले तुषार मेहता ने कहा था कि उन्होंने जय शाह का केस लड़ने के लिए कानून मंत्रालय से इजाजत ली थी।

बता दें कि वेबसाइट ‘द वायर’ ने एक स्टोरी प्रकाशित की है जिसमें लिखा गया है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के कारोबार में नरेन्द्र मोदी के पीएम बनने के बाद 16 हजार गुना का इजाफा हुआ है। वेबसाइट की इस स्टोरी के खिलाफ जय शाह ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। इस रिपोर्ट में एक सरकारी संस्थान द्वारा जय शाह को अनसिक्योर्ड लोन देने पर भी सवाल उठाया गया है, ये सरकारी संस्थान ऊर्जा मंत्रालय के तहत आती है।

यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि सरकार को इस मामले में जांच का आदेश देना चाहिए क्योंकि इसमें कई सरकारी विभाग शामिल दिख रहे हैं। यशवंत सिन्हा ने कहा कि बीजेपी भ्रष्टाचार पर अपना नैतिक बल खो चुकी है। पिछले महीने यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे एक आर्टिकल में कहा था कि सरकार नोटबंदी और जीएसटी के मामले में फेल रही है। यशवंत सिन्हा के मुताबिक नोटबंदी और जीएसटी लागू करने का वक्त गलत था और सरकार का ये फैसला अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रहा था। उन्होंने कहा था कि अगर वे इस ओर अभी सरकार का ध्यान नहीं दिलाते हैं तो ऐसा करना अपने राष्ट्रीय कर्तव्य से मुंह मोड़ने जैसा होगा।

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