विश्व हिन्दू परिषद की धमकी- यूपी के सिनेमाघरों में नहीं चलने देंगे फिल्म ‘पद्मावती’
निर्देशक संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर फिर से हिन्दू संगठनों ने मोर्चा संभाल लिया है। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने आज धमकी दी है कि दिसम्बर में रिलीज होने वाली इस बहुचर्चित फिल्म ‘पद्मावती’ को उत्तर प्रदेश के किसी भी सिनेमाघरों में नहीं चलने दी जायेगी। विहिप के प्रदेश सह मंत्री राकेश वर्मा ने आज गोंडा में संवाददाताओं से कहा कि ‘पद्मावती’ फिल्म में राजस्थानी जौहर का अपमान करते हुए विदेशी आक्रान्ताओं का महिमामण्डन किया गया है। कोई भी राष्ट्रभक्त महारानी पद्मावती का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि विहिप हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने की कोशिश करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देगी।
इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार से फिल्म रिलीज पर रोक लगाने की मांग की और कहा कि अगर सरकार ने इस संवेदनशील मुद्दे को नजरंदाज किया तो विहिप के कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। हम प्रदेश भर के सिनेमाघरों में इसका प्रदर्शन करके पुरजोर तरीके से रोकेंगे। इसके पूर्व, विहिप तथा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर के रामलीला मैदान से जुलूस निकालकर नारेबाजी की और शास्त्री चौराहा पहुंचकर ‘पद्मावती’ फिल्म का पोस्टर जलाया।
उल्लेखनीय है कि दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म ‘पद्मावती’ आगामी एक दिसम्बर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। कुछ संगठनों ने फिल्म में रानी पद्मावती की जिंदगी के चित्रण को लेकर कुछ सवाल खड़े किये थे। राजस्थान में पद्मावती की शूंटिंग के दौरान सेट पर भी करणी सेना नाम के एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। कुछ संगठनों का आरोप था कि पद्मावती के चरित्र के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। कथित तौर पर अलाऊद्दीन के साथ रानी के प्रणय दृश्यों पर घोर आपत्ति है।
बता दें कि बीते सोमवार को ही पद्मावती का ट्रेलर जारी हुआ है। इसके बाद से पूरे प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। यद्यपि फिल्म में दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर का रानी-राजा का किरदार तथा बैड मैन लुक में रणवीर सिंह का अलाउद्दीन खिलजी का किरदार काफी पसंद किया जा रहा है किन्तु चित्तौड़ गढ़ के राजा रतन सिंह की व्याहता महारानी पद्मावती के चरित्र को फिल्म में जिस प्रकार से प्रस्तुत किया गया है, उसको लेकर लोगों में आक्रोश है। फिल्म में रानी पद्मावती की जिंदगी के चित्रण को लेकर कुछ सवाल खड़े किए गए हैं।