मोहम्मद अखलाक की हत्या के 15 आरोपियों को मिली NTPC में नौकरी, बीजेपी विधायक ने की मदद

उत्तर प्रदेश के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक की हत्या के 15 आरोपियों को दादरी स्थित नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी मिली है। घर में गाय का मांस रखने की अफवाह के बाद भीड़ ने  सितंबर 2015 में मोहम्मद अखलाक और उनके बेटे दानिश पर घर में घुसकर हमला कर दिया था। चोटों के कारण उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद देश भर में नामी लेखकों ने विरोध करते हुए अपने पुरस्कार लौटा दिए थे। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा विधायक तेजपाल सिंह नागर ने एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ 9 अक्टूबर को एक बैठक में 15 युवाओं की भर्ती की व्यवस्था की। एनटीपीसी के प्रवक्ता ने नौकरी की पुष्टि करते हुए द हिंदू को बताया कि हां हमने बिसाहड़ा के बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का फैसला किया है। इसका अखलाक के मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि एनटीपीसी की पॉलिसी के मुताबिक प्रोजेक्ट के प्रभावित हुए बिसाहड़ा के कई लोगों को उनकी योग्यता और विशेषज्ञता के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दी जाती हैं। गौरतलब है कि अखलाक की हत्या के बाद 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और इनमें से एक रवीन सिसोदिया की जेल में अंग फेल हो जाने के कारण मौत हो गई थी। बाकी आरोपियों को बेल मिल गई थी। सीएनएन न्यूज 18 के बातचीत में तेजपाल सिंह नागर ने कहा, जिस लड़के (रवीन सिसोदिया) की मौत हुई, उसकी पत्नी को एक महीने के भीतर प्राइमरी स्कूल में नौकरी और 8 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसमें से 5 लाख एक बार में दिए जाएंगे, जबकि बाकी स्थानीय स्तर पर किए गए कलेक्शन से आएंगे।

भड़का लोगों का गुस्सा: इन आरोपियों को नौकरी मिलने पर कई लोगों और राजनीतिक दलों ने आपत्तियां जताई हैं। @GauravPandhi ने लिखा है कि अखलाक के कातिलों को एनटीपीसी में नौकरी मिलेगी। बेरोजगार युवाओं से बीजेपी- अगर सरकारी नौकरी चाहिए तो लोगों को मारो। @AmbedkarCaravan की ओर से ट्वीट किया गया कि बीजेपी एमएलए ने अखलाक हत्याकांड के 15 आरोपियों को एनटीपीसी में नौकरी की व्यवस्था कराई। इसका मतलब है कि सरकारी नौकरी चाहिए तो दलितों और मुस्लिमों की हत्या करो।

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