हिमाचल प्रदेश चुनाव: कांग्रेस को तगड़ा झटका, बीजेपी में शामिल हुए मंत्री अनिल शर्मा
विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा रविवार को वीरभद्र सरकार छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री सुखराम के बेटे शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने आज हिमाचल मंत्रिमंडल छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गया हूं।’’ शर्मा ने बताया कि पार्टी ने उन्हें मंडी से टिकट दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मंडी से भाजपा का टिकट दिया गया है और पार्टी ने मुझे इस बारे में सूचित कर दिया है।’’ हिमाचल प्रदेश में नौ नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और शर्मा के इस कदम से वीरभद्र सिंह को जबरदस्त झटका लगा है, जिन्हें पिछले ही हफ्ते पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित किया गया था।
शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्हें और उनके पिता को कांग्रेस पार्टी ने दरकिनार और नजरअंदाज किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव ने मंडी में राहुल गांधी की रैली में सुखराम को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन जब वह वहां पहुंचे तो उनसे रैली में शामिल न होने को कहा गया। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या सुखराम कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं।’’ उन्होंने बताया, ‘‘विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई किसी भी समिति में मुझे शामिल नहीं किया गया और जब मैंने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मेरा नाम उच्च स्तर पर हटाया गया है, जिससे मुझे दुख हुआ और मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।’’
सुखराम ने वर्ष 1962 से नवंबर 1984 तक मंडी सीट का प्रतिनिधित्व किया था। 1984 में वह लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 1993 में उनके बेटे अनिल शर्मा ने मंडी से जीत हासिल की थी। तब तक दूरसंचार घोटाले में नाम सामने आने पर सुखराम को कांग्रेस से निष्काषित कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस (एचवीसी) पार्टी बनाई। एचवीसी चुनाव के बाद भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हुई। जहां एक ओर सुख राम मंडी से जीते वहीं वर्ष 1998 में अनिल शर्मा राज्यसभा के लिए चुने गए।
वर्ष 2003 के विधानसभा चुनावों में सुखराम हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी से जीतने वाले पार्टी के एकमात्र सदस्य थे। वह मंडी से जीते थे। लेकिन वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अनिल शर्मा ने वर्ष 2007 और 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मंडी सीट से दुबारा जीत हासिल की थी। इस बार वह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।