मुख्यमंत्री की फटकार और अफसरों की हुंकार, बिल्डरों के आगे दोनों बेकार

उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन के दावों पर बिल्डर पानी फेर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राधिकरण और बिल्डरों को फटकार का असर जमीन पर नहीं दिखाई दे रहा है। इस वजह से खरीदारों की 2017 की दिवाली भी किराए के मकानों में ही मनेगी। उम्मीद लगाई जा रही थी कि दिवाली तक 2500 खरीदारों को फ्लैटों का कब्जा मिलेगा। बता दें कि मार्च, 2017 से अभी तक केवल 2400 खरीदारों को ही बिल्डरों ने कब्जा मिला है। दिवाली तक 2500 खरीदारों को फ्लैटों का कब्जा होने की उम्मीद पर इसलिए भी पानी फिरा है क्योंकि बिल्डर कंपनियों ने अधिभोग प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) के लिए आवेदन ही नहीं किया है।

जबकि मुख्यमंत्री योगी ने 12 दिसंबर तक 50 हजार खरीदरों को मकान दिलाने को कहा था। इसके लिए तीन मंत्रियों की समिति गठित की गई थी। इस समिति के साथ हुई बैठकों में बिल्डरों ने करीब 30 हजार फ्लैट तैयार होने का दावा किया था। इन फ्लैटों का कब्जा दिलाने के लिए बिल्डरों को प्राधिकरण में अधिभोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना था। इसी संख्या में से 2500 ऐसे फ्लैट बताए गए थे, जिन्हें अधिभोग प्रमाण पत्र दिवाली से पहले मिलना था। ताकि दिवाली तक बकाए का भुगतान कर खरीदारों को फ्लैट की चाभी थमाई जा सके।

खरीदारों को राहत देने के लिए प्राधिकरण ने अधिभोग प्रमाण पत्र नीति में बदलाव किया था। जिसके तहत बिल्डर को कुल 10 फीसद रकम जमा कर अस्थायी अधिभोग प्रमाण पत्र जारी करने का प्रावधान तय किया था। इसके लिए बिल्डर को बकाया का 10 फीसद रकम जमा कर अस्थायी अधिभोग प्रमाण पत्र हासिल कर सकता है। अस्थायी अधिभोग प्रमाण पत्र परियोजना में बनने वाले आधे टॉवरों के लिए मिलेगा। जबकि 65 फीसद रकम रजिस्ट्री कराते समय देनी होगी। इस रकम का प्रति फ्लैट के आधार पर भुगतान करना सरल है।

जानकारी के मुताबिक इस नीति का लाभ लेने के लिए 5 बिल्डर कंपनियों ने इच्छा जताई थी। जिनकी परियोजना के 2500 फ्लैटों का कब्जा दिवाली तक मिलने की उम्मीद थी। एक्सप्रेस जेनिथ, सन शाइन, आरजी रेजिडेंसी, पैन ओएसिस ने अभी तक आवेदन नहीं हैं। उधर, प्राधिकरण अधिकारियों के अनुसार दिवाली से पहले अभी तीन दिन हैं। इस बीच बिल्डर कंपनियां अधिभोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकती हैं। हालांकि दिवाली तक खरीदारों को कब्जा मिलना अब संभव नहीं है।

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