ताजमहल विवाद: संगीत सोम को मिला भाजपा नेताओं का साथ, पर योगी सरकार ने किया किनारा

भाजपा नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विधायक संगीत सोम के ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर ‘धब्बा’ बताने वाले बयान से किनारा कर लिया। संगीत सोम ने कहा था कि ताजमहल को इतिहास में क्यों रखा गया है, इसे हिंदुओं पर हमला करने वाले ‘गद्दारों’ ने बनाया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने संगीत सोम के बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि यह उनके ‘व्यक्तिगत विचार’ हैं।

यूपी की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘मुख्यमंत्री इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं कि ताजमहल हमारी विरासत का हिस्सा है। हमारी सरकार ने ताज के आसपास पार्क और अन्य सुविधाओं के लिए 155 करोड़ रुपए अनुमोदित किए हैं।’ जब उनसे भाजपा विधायक के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘देखिए, हर किसी को अपने विचार रखने की छूट है, लेकिन सरकार की नजर में ताजमहल हमारी प्राथमिकता में है।’

इसके साथ ही संगीत सोम के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सरदार आर पी सिंह ने कहा था कि ताज महल न केवल देशी-विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र है बल्कि वह मुगलकालीन स्थापत्य कला का एक जीता जागता और बेजोड़ नमूना है, जिसकी कद्र पूरी दुनिया करती है। साथ ही सिंह ने कहा कि संगीत सोम जो कह रहे हैं वह उनका विचार है लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ताज महल दुनिया के सात अजूबों में शामिल है।

वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की प्रतिक्रिया भी आई। उन्होंने संगीत सोम का बचाव करते हुए टीवी चैनल पर एक डिबेट में स्वामी ने कहा कि ताज महल चोरी की जमीन पर बनाया गया था। स्वामी ने बताया कि शाहजहां ने ताजमहल के लिए जयपुर के राजा पर जमीन के लिए दबाव बनाया था। मुआवजे के तौर पर तब उसे 40 गांव दिए थे। जल्द ही वह उन दस्तावेजों को सबके सामने जाहिर करेंगे। हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि वहां पहले से मंदिर था या नहीं।

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