खुलासा: जिंदल परिवार में हत्याओं के पीछे संपत्ति विवाद आया सामने

दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती बने शाहदरा के मानसरोवर पार्क में उद्योगपति जिंदल परिवार की चार महिलाओं और एक सुरक्षा गार्ड की गला काटकर हत्या के मामले में पुलिस अहम मोड़ पर आ गई है। हत्याएं लूटपाट या संपत्ति विवाद के कारण की गर्इं। पुलिस उपायुक्त नुपुर प्रसाद कहती हैं कि पुलिस बहुत जल्द साजिश और मामले का भंडाफोड़ करेगी। कई टीमें काम कर रही हैं और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ भी काम हो रहा है। उधर एक फर्जी कॉल ने पुलिस को भरमाने की कोशिश की। पर जांच में पता चला कि कॉल करने वाला शराबी है और जिंदल परिवार के एक किराएदार से अपनी पुरानी रंजिश को निकालने में पुलिस का समय बर्बाद किया।

शाहदरा पुलिस के लिए 7 अक्तूबर की सुबह अपशकुन रही। लोगों की नींद टूटी भी नहीं थी कि यह सूचना आग की तरह फैली कि एक ही परिवार की चार महिलाओं को बेरहमी से हत्या हो गई है। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि जिस परिवार के चारों महिलाओं की हत्या हुई वह जिंदल आॅयल मील के मालिक की पत्नी 78 साल की उर्मिला जिंदल और उनकी तीन बेटियों 52 साल की संगीता गुप्ता, 48 साल की नूपुर जिंदल और 45 साल की अंजलि जिंदल के साथ परिसर के सालों पुराने सुरक्षा गार्ड 50 साल के राकेश कुमार गला रेती हुई खून से सनी लाश मिली थीं। शुरू में पुलिस के संदेह करीब 10 लोगों के इर्द-गिर्द घूमती रही। आला अधिकारियों की निगरानी में बनी पुलिस टीम ने बार-बार उनसे पूछताछ की लेकिन यह संदेह किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ही असफल हो गया। घर से कुछ नगदी और दस्तावेज के गायब होने का संदेहथा कारण पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण गार्ड और कुछ खास मित्रों को ही पता था कि बहुमूल्य सामान कहां रखा होता है।

संपत्ति विवाद अहम बिंदु इसलिए पुलिस मान रही है कि जांच शुरू होने से पहले ही परिवार की महिला सदस्य ने पत्रकारों को बाहर आकर बताया कि हत्या में संपत्ति विवाद नहीं है। आखिर क्या कारण था कि उस सदस्य ने संपत्ति विवाद को शुरू होने से पहले की खारिज कर दिया। चूंकि यह मामला सीधे तौर पर एक साथ परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर सबूत मिटाने के सभी तरीके अख्तियार कर लिए। पुलिस इसलिए इस मामले में तमाम दस्तावेज खंगाल रही है कि मुखिया जिंदल के मरने के बाद संपत्ति का बंटावारा सातों भाइयों में किस-किस प्रकार हुआ और कब-कब हुआ।

 

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