ताज महल और लाल किला भारतीय संस्कृति की पहचान नहीं : भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि आगरा का ताज महल और दिल्ली का लाल किला भारत की ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला के बेमिसाल नमूने हैं, लेकिन मुगल बादशाह शाहजहां की बनाई दोनों इमारतों को देश की संस्कृति की पहचान नहीं माना जा सकता। विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम ताज महल की खूबसूरती और इसकी स्थापत्य कला का सम्मान करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं मानते कि ताज महल देश के संस्कारों और संस्कृति की प्रतिमूर्ति है। इसी तरह हम लाल किले को भी देश के संस्कारों और संस्कृति की प्रतिमूर्ति नहीं मानते।’’

उन्होंने कहा, “ये इमारतें हमारी ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला के शानदार नमूने जरूर हैं।” दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर उच्चतम न्यायालय के लगाए प्रतिबंध से जुड़े सवाल पर भाजपा महासचिव ने कहा, “हमारे देश में न्यायपालिका स्वतंत्र है और वह किसी भी मामले में दखल दे सकती है। लेकिन मेरा निजी मत है कि न्यायपालिका को कम से कम तीज-त्योहारों को लेकर जन भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।”

विजयवर्गीय ने कहा, “ऐसा क्यों होता है कि हमें सूखी होली मनाने की सलाह दी जाती है और दीपावली पर कहा जाता है कि बच्चों के हाथों से फूलझड़ी छीन ली जाए। लेकिन क्या कोई व्यक्ति ऐसे त्योहारों के मामले में पाबंदी की बात कर सकता है, जिनमें बड़ी संख्या में बकरे काटे जाते हैं।” वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीजेपी विधायक संगीत सोम के ताज महल वाले बयान से किनारा करते दिख रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि ताज महल का निर्माण किसने किया और क्यों किया, महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके निर्माण में भारत के मजदूरों ने अपना खून-पसनी बहाया था।

साथ ही सीएम योगी ने ताज महल को पर्यटन के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यह सरकार की प्राथमिकता है कि पर्यटकों को सुविधा और सुरक्षा दें। इसके अलावा यूपी सीएम ने यह भी कहा कि ताज महल को लेकर बीजेपी विधायक संगीत सोम ने जो टिप्पणी की है, वह उनके निजी विचार हैं और राज्य सरकार इसका समर्थन नहीं करती।

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