जेनरेटर पर रोक, कार पर भी लग सकती है पाबंदी, कोयले से चलने के कारण बदरपुर बिजली संयंत्र बंद

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर पर्यावरण प्रदूषण एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली में डीजल से चलने वाले जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इसने कोयले से चलने वाले बदरपुर बिजली संयंत्र को भी बंद करने का ऐलान किया है। ईपीसीए की ओर से यह चेतावनी भी दी है कि यदि वायु प्रदूषण की हालत और बिगड़ी तो शहर में कारों के परिचालन पर भी रोक लगाई जा सकती है।  यदि लोग नहीं माने तो प्रदूषण को नियंत्रित को और ज्यादा सख्ती करते हुए दिल्ली की पार्किंग में भी चार गुना तक शुल्क की वृद्धि की जा सकती है। दूसरी ओर दिल्ली सरकार ने बढ़ते ध्वनि प्रदूषण के मद्देनजर अंतरराज्यीय बस अड्डों के भीतर ड्राइवर लारा बस का हॉर्न बजाने और कंडक्टर की ओर सेआवाज लगाने पर जुर्माना लगाने का फरमान जारी कर दिया है।

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केन्द्र सरकार लारा गठित किये गये ईपीसीए के मुखिया भूरे लाल और सुनीता नारायण ने मंगलवार को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं को इन तमाम फैसलों की जानकारी दी। सुनीता नारायण ने कहा कि यह बात ठीक है कि दिल्ली के लिए पार्किंग की एक खास नीति तैयार की जा रही है लेकिन यदि वायु प्रदूषण की हालत ऐसे ही बिगड़ती रही तो शहर में पाकिंग शुल्क में चार गुना तक की वृद्धि करनी पड़ सकती है। दूसरी ओर कारों की आवाजाही को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है।

आॅड-इवन लागू कर प्रदूषण नियंत्रण की थी कोशिश
सनद रहे कि कि दिल्ली में प्रदूषण का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। दिल्ली सरकार ने इस गंभीर समस्या पर ध्यान देते हुए सबसे पहले वाहनों की संख्या कम करने के लिए आॅड-इवन सिस्टम लागू किया था, लेकिन यह फार्मूला पूरी तरह से काम नहीं कर पाया।  इसके बाद राष्टÑीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में दस साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर बंदिश लगाई। लेकिन इन फैसलों के बावजूद नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं मिल पाए।

 

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