नौकरशाही के पक्ष में शीला ने खोला केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा, लिखा- इन्हीं अधिकारियों के बूते बदली थी दिल्ली की तस्वीर

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार और नौकरशाहों के बीच जारी तकरार के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने नौकरशाहों के पक्ष में आवाज बुलंद किया है। उन्होंने केजरीवाल नेतृत्व कौशल पर प्रश्न चिह्न लगाया है। दिल्ली की गद्दी पर लगातार डेढ़ दशक तक बतौर मुख्यमंत्री बेखटके राज करने वाली दीक्षित ने कहा कि दिल्ली में ‘कुछ बेहद कुशल’ नौकरशाह हैं। अपने इस दावे की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों के बूते ही कांग्रेस सरकार दिल्ली को सजाने, संवारने और कायापलट करने में सफल हुई।
1998 से 2013 तक लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं दीक्षित ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘केजरीवालजी, दिल्ली में कुछ बेहद कुशल नौकरशाह हैं। उन्होंने दिल्ली को बदलने के मेरे लक्ष्य को हासिल करने में मेरी अथक मदद की।’ उनके इस ट्वीट का आशय यह है कि कमी नौकरशाही में नहीं, उनसे काम लेने वाले नेतृत्व में है। दीक्षित ने जैसे ही सोशल मीडिया साइट ट्वीटर पर यह ट्वीट किया, उस पर प्रतिक्रिया देने वालों की लाइन लग गई। लोगों की प्रतिक्रियाओं से यह भी साफ दिखा कि भले केजरीवाल सरकार के गठन के लिए लोगों ने शीला दीक्षित की सरकार और खुद दीक्षित का 2013 के विधानसभा चुनाव में सफाया कर दिया लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्यों से वे अब भी प्रभावित हैं।

कहीं नहीं रुके काम, पास होती रहीं फाइल
दीक्षित ने कहा कि उन्होंने जब सरकार चलाई तक केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली एनडीए की सरकार थी लेकिन उनका कोई भी काम नहीं रुका। दिल्ली के विकास से संबंधित फाइलें पास होती रहीं और कभी उपराज्यपाल से विवाद की कोई स्थिति पैदा नहीं हुई। लेकिन वर्तमान सरकार में काम करने वाले नौकरशाहों तक से मनमुटाव और तनातनी की स्थिति बनी हुई है। शीला दीक्षित ने नौकरशाहों के पक्ष का पक्ष लेते हुए केजरीवाल पर निशाना साधा है। वहीं, मुख्यमंत्री केजरीवाल का दावा है कि 90 फीसद आइएएस अधिकारी काम ही नहीं करते। उन्होंने सोमवार को एक कार्यक्रम में लगाया कि 90 फीसद आइएएस अधिकारी काम नहीं करते और कई बार उन्हें लगता है कि विकास सचिवालय में अटक गया है।

सनद रहे कि जिस मुख्य सचिव एमएम कुट्टी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री केजरीवाल के एक आदेश को मानने से इनकार कर दिया था, वे पूर्व मुख्यमंत्री दीक्षित के न केवल बेहद विश्वस्त और काबिल अफसर थे, बल्कि उनके प्रधान सचिव थे। दिल्ली जल बोर्ड के वर्तमान सीइओ केशव चंद्रा भी दीक्षित के बेहद करीबी अफसरों में थे जबकि वित्त विभाग के वर्तमान प्रमुख सचिव एसएन सहाय दीक्षित सरकार में उस डिम्ट्स के मुखिया थे। जिसने चर्चित बीआरटी बनाया। जिसे बाद में केजरीवाल सरकार ने तोड़वा दिया। दिल्ली के आला नौकरशाहों और केजरीवाल सरकार के बीच सरकार के गठन के दिन से ही टकराव जारी है।

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