राम रहीम ने बनाए थे 3 प्लान: पुलिस वायरलेस में सेंध लगाई, हवलदार को सौंपी थी खास जिम्मेदारी
जेल में बंद बलात्कारी बाबा राम रहीम ने पुलिस की हिरासत से फरार होने के लिए तीन प्लान बनाए थे। इन प्लान को सफल बनाने की जिम्मेदारी उसने चंडीगढ़ पुलिस की खुफिया विंग के एक हवलदार को दी थी। इसके लिए डेरा टीम ने पुलिस के वायरलेस में सेंध लगाकर उनके मैसेज भी इंटरसेप्ट कर लिए थे, ताकि वे लोग पुलिस की गिरफ्त से बच सकें। इंडिया टुडे.कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक डेरे के समर्थक चंडीगढ़ पुलिस के हवलदार लाल चंद के पास दो बड़ी जिम्मेदारियां थीं। पहले तो उसे पुलिस के वायरलेस में सेंध लगाकर डेरे के वायरलेस सेट्स के साथ ट्यून करना था, ताकि वे लोग पुलिस के मैसेज सुन सकें। दूसरा उसे अपने परिचय पत्र और खुफिया सूत्रों का इस्तेमाल करके राम रहीम को पुलिस हिरासत से मुक्त कराना था।
रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि लाल चंद ने गुरमीत राम रहीम के कमांडोज के वायरलेस सेट्स हरियाणा पुलिस की वायरलेस फ्रिक्वेंसी से ट्यून किया था। इसके बाद डेरे के कमांडोज एक गाड़ी में बैठकर कथित रूप से हरियाणा पुलिस के तीन वायरलेस स्टेशनों के वायरलेस मैसेज सुन रहे थे। पंचकूला कोर्ट ने जांच के दौरान डेरे के गुंडों के पास से एक वायरलेस सेट भी बरामद किया है। यह भी बताया जा रहा है कि डेरा समर्थकों ने पंचकूला में एक कंट्रोल रूम भी बनाया था।
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि लाल चंद 25 अगस्त को सीबीआई कोर्ट के बाहर तैनात था, जबकि आधिकारिक तौर पर उसे वहां की तैनाती के आदेश नहीं मिले थे। पुलिस ने लाल चंद को चंडीगढ़ से सोमवार को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि लाल चंद ने पंचकूला पुलिस की हिरासत से राम रहीम को छुड़ाने के लिए तीन बार कोशिश की थी। लाल चंद अपने परिचय पत्र का इस्तेमाल करते हुए हाई सिक्योरिटी जोन में घुसने में कामयाब हुआ था, जहां केवल कुछ पुलिस अधिकारी और अद्धसैनिक बल के जवान ही मौजूद थे।
कुछ ऐसे थे तीन प्लान-
प्लान ‘ए’ के मुताबिक लाल चंद और गुरमीत रहीम सिंह कोर्ट से बाहर निकलते ही डेरा सच्चा सौदा की बुलेट प्रूफ कार में बैठेंगे। गुरमीत राम रहीम सिंह जैसे ही सीबीआई कोर्ट से बाहर आया, वैसे ही कमांडोज और लाल चंद उसे बुलेट प्रूफ कार की तरफ ले जाने लगे। लेकिन हरियाणा पुलिस ने राम रहीम को डेरा की कार में नहीं जाने दिया। इस प्लान के मुताबिक बुलेट प्रूफ कार में बैठाकर पहले राम रहीम को चंडीगढ़ ले जाया जाता और उसके बाद उसे हिमाचल के किसी क्षेत्र में छुपा दिया जाता। लेकिन उनका प्लान ‘ए’ सफल नहीं हो सका।
प्लान ‘ए’ के नाकाम होने के बाद लाल चंद ने तुरंत प्लान ‘बी’ पर फोकस किया और राम रहीम के कमांडोज को निर्देश दिए कि वे पुलिस की उस कार में बैठ जाएं, जिसमें राम रहीम को कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा है। लेकिन पुलिस ने कमांडोज को उस कार में भी सवार नहीं होने दिया, जिसके बाद उनका दूसरा प्लान भी फेल हो गया। दोनों प्लान फेल होने के बाद लाल चंद ने तीसरे प्लान पर काम शुरू कर दिया। यह राम रहीम को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ाने की आखिरी कोशिश थी। राम रहीम को पुलिस की जिस कार में वेस्टर्न कमांड ले जाया जा रहा था, उसका पीछा उन्होंने बुलेट प्रूफ कार से किया। उनका प्लान था कि कहीं मौका पाकर बंदूक की नौक पर राम रहीम को छुड़वा लिया जाएगा। लेकिन इस प्लान में कामबाय नहीं हो पाए।