पाकिस्तान: भ्रष्टाचार मामले में पूर्व पीएम नवाज शरीफ, बेटी मरीयम और दामद पर आरोप तय

पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा दायर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी और दामाद के खिलाफ आरोप तय किए हैं। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार इस्लामाबाद में जवाबदेही अदालत ने लंदन में संपत्तियों से जुड़े मामले में 67 वर्षीय शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और उनके पति सेवानिवृत्त कैप्टन मोहम्मद सफदर को अभ्यारोपित किया। हालांकि शरीफ और बचाव पक्ष के मुख्य वकील ख्वाजा हेरिस दोनों देश से बाहर है। सभी तीनों आरोपी खुद के निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने सुनवाई के दौरान कैप्टन सफदर के वकील अमजद परवेज द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। परवेज ने याचिका में अभ्यारोपित करने की कार्यवाही को स्थगित किये जाने की अपील की थी।

शरीफ की कानूनी टीम के दूसरे वकील आयशा हामिद ने एक याचिका दायर करके तब तक अभ्यारोपित किये जाने की कार्यवाही पर रोक की अपील की थी जब तक एनएबी द्वारा दायर भ्रष्टाचार के कई मामलों के खिलाफ शरीफ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कोई निर्णय नहीं ले लेता। डॉन अखबार के अनुसार अदालत ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया। शरीफ के वकील ने तीसरी याचिका भी दायर की थी जिसमे उन्होंने उनके (शरीफ) खिलाफ तीनों मामलों को मिलाने की अपील की थी। अदालत ने इस याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। एनएबी ने जवाबदेही अदालत में शरीफ, उनके परिवार के सदस्यों और वित्त मंत्री इसहाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धन की हेराफेरी (मनी लॉन्ड्रिंग) के तीन मामले दर्ज कराये थे।

सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को पनामा पेपर्स मामले में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य ठहराया था जिसके कुछ सप्ताह बाद ये मामले दर्ज किये गये थे। जज मोहम्मद बशीर को 13 अक्तूबर को शरीफ,उनकी बेटी और दामाद को अभ्यारोपित करना था लेकिन पीएमएल-एन के वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अदालत ने अभ्यारोपित किये जाने की कार्यवाही को आज तक के लिए टाल दिया था। शरीफ के परिवार ने आरोप लगाया कि ये मामले राजनीति से प्रेरित है। अभ्यारोपण की कार्यवाही के बाद शरीफ को जेल भी हो सकती है।

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