Diwali Puja 2017: दिवाली की पूजा के बाद करें ये महाउपाय, दूर हो सकती हैं जीवन की सभी परेशानियां
दिवाली का त्योहार भगवान राम और माता सीता के 14 वर्ष के लौटने पर अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीपक जलाकर किया था। इसके साथ ही इस दिन के लिए ये मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसलिए ही इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इस त्योहार को बुराई की अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। ये पर्व भारत के हर हिस्से में मनाया जाता है चाहे वो उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत में। इस दीपों के पर्व को दिपावली भी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार ये पर्व कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली एक पंचदिवसीय त्योहार है। इसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है और भाईदूज तक इस त्योहार को मनाया जाता है। दिवाली भारत का एक ऐसा पर्व है जिसे हर कोई उत्सव के रुप में मनाता है, इसलिए ही इसे महापर्व कहा जाता है। एक और यह जीवन में ज्ञान रुपी प्रकाश को लाने वाला है तो वहीं सुख-समृद्धि की कामना के लिये मनाया जाता है। अगर आप जीवन में अधिक परेशानियों से गुजर रहे हैं तो इस दिवाली के दिन के लिए कुछ महाउपाय करने से इन परेशानियों से निपटा जा सकता है।
काले और नीले रंग के कपड़े पहन कर पूजा में ना बैठें। दिवाली की पूजा के दौरान लाल या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ रहता है। इस दिन पूजा स्थान पर एकमुखी बड़ा-सा दीपक जलाएं और उसे पूरी रात जलाएं। पूजा दिशा की ओर बैठकर के ही पूजा करें। माता लक्ष्मी का पूजन करने के समय स्फटिक की माला और भगवान गणेश की पूजा करने के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
– दिवाली की रात को नई थाली लें और उसपर अष्टनंध से एक मंत्र लिखें। मंत्र- ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी मम गृहे आगच्छ आगच्छ ह्रीं नमः।। इसके बाद इस मंत्र का 11 माला जप करें। मंत्र जपने के बाद थाली को पूजा स्थान पर ही रख दें। इसके बाद से रोजाना इसी थाल में रखकर दीया मंदिर में जलाएं।
– अगर बहुत अधिक धन की समस्या का सामना करना पड़ रहा हो तो एक सफेद स्फटिक की माला लें और इसके साथ अपनी उम्र के बराबर गुलाब के फूल लें। माता लक्ष्मी की पूजा कमल के फूल या गुलाब के फूलों से की जाती है। इसके बाद इस माला को माता लक्ष्मी को अर्पित कर दें और गुलाब के फूलों को मंत्र के साथ माता लक्ष्मी के चरणों में रखते जाएं। इसके बाद उस माला को धारण कर लें। इससे दरिद्रता का नाश हो जाएगा और धन की सभी परेशानी खत्म हो जाती है।
– एक पीले कागज के टुकड़े पर लाल रंग से वर्ग बना लें। इसके बाद एक वर्ग को काटते हुए दूसरा वर्ग बनाएं। इस आकृति को अष्टलक्ष्मी का यंत्र कहा जाता है। ये माता लक्ष्मी का सबसे ताकतवर यंत्र माना जाता है। इस यंत्र को पूजा स्थल पर पूरी रात के लिए छोड़ दें और इसके बाद अगली सुबह को इसे अपने पर्स में डाल कर रख लें। ध्यान रहे कि इस कागज को मोड़े नहीं क्योंकि इससे यंत्र दो भागों में बंट जाएगा और ये लक्ष्मी यंत्र की जगह अलक्ष्मी यंत्र बन जाएगा।