आपके पालतू कुछ ऐसे कहते हैं अपने मन की बात

एक दूसरे को अपनी बात समझाने के लिए चेहरे के हाव-भाव का इस्तेमाल करने की फितरत केवल इंसान की ही नहीं होती बल्कि पालतू कुत्ते भी इंसानों के साथ बेहतर तरीके से संवाद कायम करने के लिए चेहरे के भाव दिखाते हैं। ब्रिटेन के पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शोध में यह पाया है कि जब कुत्तों को यह लगता है कि कोई इंसान उन्हें देख रहा है तब वह अपने चेहरे पर अलग अलग तरह के भाव बनाते हैं। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में इस बात के साफ सबूत पाए कि कुत्ते लजीज खाना देखते हैं तो उनके चेहरे के भावों में कोई बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आता। इससे यह पता चलता है कि इंसानों की नजरों में आने पर वह संवाद कायम करने यानी अपनी बात अपने चेहरे के भावों के जरिए व्यक्त करने के लिए अधिक सक्रिय होते हैं ।

इस शोध में इस बात पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया कि कुत्ते आम तौर पर अपने मन के भावों को व्यक्त करने के लिए भौंहों को ऊपर की ओर चढ़ा लेते हैं। इससे उनकी आंखें कुछ बड़ी सी दिखने लगती हैं।यूनिवर्सिटी की जुलियान कामेन्स्की कहती हैं, ‘अब हमें इस बात का पक्का यकीन हो गया है कि कुत्ते जब इंसानी संपर्क में आते हैं तो उनके चेहरे पर अलग-अलग तरह के भाव आते हैं और भावों का यह उतार चढ़ाव इस बात से तय होता है कि सामने बैठा इंसान उसे कितनी तव्वजो दे रहा है। ये भाव केवल इस बात का नतीजा नहीं होते कि वे इंसानों को देख कर मचलने लगते हैं।’ साइंटिफिक रिपोटर्स में इस अध्ययन को बाकी प्रकाशित करवाने वाली जुलियान ने बताया, ‘शोध के दौरान कुत्तों ने अपने चेहरे की अदाएं उस समय अधिक दिखाई, जब कोई इंसान उन्हें देख रहा था। लेकिन इस मामले में सामने लजीज भोजन रखने पर उनकी सेहत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा ।’

वह कहती हैं, ‘इससे ऐसा लगता है कि कुत्ते इंसानों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं और ये हाव भाव एक तरह से इंसान के साथ संवाद कायम करने की उनकी कोशिश है।’ जुलियाना कहती हैं कि इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि कुत्तों को पालतू बनाए जाने की प्रक्रिया में उनके चेहरों के भावों में यह बदलाव आया हो। उन्होंने शोध में विभिन्न नस्लों के एक से 12 साल की उम्र के 24 कुत्तों का अध्ययन किया।

 

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