एक भारतीय के लिए लड़ी जंग, दो साल तक रहीं लापता, जानें पाकिस्तानी पत्रकार शहजादी से जुड़ी अहम बातें

पाकिस्तानी महिला पत्रकार जिनका दो वर्ष पहले एक भारतीय इंजीनियर के मामले की छानबीन करते समय कथित अपहरण हो गया था, उनको रिहा करा लिया गया है। ‘डेली नई खबर’ और ‘मेट्रो न्यूज टीवी चैनल’ की पत्रकार जीनत शहजादी 19 अगस्त 2015 को लापता हो गई थी। घर से कार्यालय जाते समय कुछ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया था। ऐसा माना जा रहा है कि जीनत (26) को ‘जबरन गायब’ किया गया था। जीनत अपहरण से पहले भारतीय नागरिक हामिद अंसारी के मामले पर काम कर रही थी। अंसारी 2012 नवंबर को लापता हो गया था। ऐसे में हम आपको बताते हैं जीनत से जुड़ी अहम बातें…

जीनत स्थानीय चैनल के लिए फ्रीलांसिंग कर रही थी और वह अपने आपको मानव अधिकार कार्यकर्ता भी बताती थीं। वह अपने परिवार में अकेले कमाने वाली थीं। जीनत ने एक ऐसे भारतीय नागरिक की मदद के लिए अपने जान जोखिम में डाल दी थी, जिससे वह पहले कभी मिली भी नहीं थी। वह शख्स था मुंबई का रहने वाला आमिद अंसारी। हामिद को साल 2012 में गैरकानूनी रूप से अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान की सीमा में घुसने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। ऑनलाइन एक लड़की से पहचान होने के बाद वह उससे मिलने पाकिस्तान गया था। हामिद अंसारी ने 5 नंवबर 2012 को काबुल के लिए उड़ान भरी थी, उसने अपने घर वालों को बताया था कि वह नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रहा है। एमबीए डिग्री धारक हामिद उस वक्त 27 साल का था। उसके पिता नेहाल अंसारी बैंक कर्मचारी और मां फौजिया अंसारी एक टीचर थीं। उसके पांच दिन बाद उसने अपने घर पर बात की थी, लेकिन उसके बाद उसका घरवालों से कोई संपर्क नहीं था। इसके बाद घरवालों ने हामिद का लेटपटॉप खंगाला तो पाया कि हामिद की एक पाकिस्तान लड़की के साथ दोस्ती है और वह उसे जबरन शादी के चंगुल से बचाने के लिए उसकी मदद कर रहा है।

इसके बाद हामिद की मदद के लिए आगे आईं जीनत शहजादी। जीनत शहजादी ने सोशल मीडिया के जरिए हामिद की मां से संपर्क किया था और उनकी तरफ से हामिद के लापता होने की याचिका कोर्ट में डाली थी। इसके साथ ही जीनत ने पेशावर कोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण की याचिका भी दाखिल की थी। हामिद के मामले में जीनत की अहम भूमिका थी कि उसकी कोशिश ने सरकार को इस मामले में जांच करने को मजबूर होना पड़ा। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने स्वीकार किया कि हामिद उनकी हिरासत में है। उसके बाद सेना की एक कोर्ट ने हामिद को गैर कानूनी रूप से पाकिस्तान में घुसने और जासूस करने के जुर्म में तीन साल की सजा सुनाई थी।

बाद में इसी साल जीनत भी लापता हो गई थी। 19 अगस्त 2015 को जीनत ऑटो रिक्शा में अपने ऑफिस जा रही थी, तभी कारें आकर रुकती हैं और उनमें सवार हथियारबंद लोग नीचे उतरकर उसका अपहरण कर लेते हैं। बताया जा रहा है कि हामिद अंसारी मामले में जीनत को कुछ दिन बाद ‘कमिशन ऑफ इन्क्वायरी ऑफ इन्फोर्स्ड डिसअपीयरेंस’ के सामने बयान देना था। जीनत दो साल तक लापता रहीं, उनका कोई पता नहीं चल पाया। इस दौरान पिछले साल उनके छोटे भाई ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि जीनत का छोटा भाई, उसके बहुत नजदीक था। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी जीनत को अपनी हिरासत में लिया था और उससे चार घंटे तक हामिद अंसारी के बारे में पूछताछ की थी।

शहजादी के दूसरे भाई लतीफ ने पीटीआई से बात करते हुए बताया था, ‘जीनत को अज्ञात लोगों से धमकियां मिल रही थीं कि तुम उसका केस ना लड़ो। हम लोगों ने भी कहा था कि अपनी जिंदगी खतरे में ना डालों। लेकिन उसका कहना था कि वह इंसानियत के नाते अंसारी के परिवार की मदद करना चाहती है।’

 

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