बम खोजने की बजाय खरगोश के पीछे दौड़ती थी लुलु, CIA ने नौकरी से निकाला

हर वो शख्स जो नौकरी करता है वो ये बात बहुत अच्छे से समझ सकता है कि किस तरह कितनी ही बार हमें अपने शौक को दरकिनार करते हुए काम पर फोकस करना पड़ता है। कितने ही बार मन ना होते हुए भी हमें काम करना पड़ता है क्योंकि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो नौकरी चली जाएगी। कुछ लोगों को अपना काम पसंद होता है तो कुछ लोगों को नहीं और काम ना पसंद करने की कीमत बहुत से लोगों ने नौकरी गवां कर चुकाई है, ऐसा ही कुछ हुआ है लुलु के साथ। एक काले लैब्राडोर कुत्ते को सीआईए ने नौकरी से इसलिए निकाल दिया क्योंकि उसका मन काम में नहीं लगता था।

डेढ़ साल की लुलु सीआईए के तहत बम खोजने की ट्रेनिंग ले रही था, लेकिन कुछ ही हफ्तों की ट्रेनिंग में ये बात पता चल गई कि लुलु का बम खोजने में मन नहीं लगता और उसे खेलना ज्यादा पसंद है, जिसके बाद एजेंसी ने उसे नौकरी से निकालने का फैसला ले लिया। कुछ हफ्तों की ट्रेनिंग के दौरान लुलु के ट्रेनर्स ने ये पाया कि उसे खरगोश के पीछे दौड़ना ज्यादा पसंद है।

सीआईए ने लुलु को नौकरी से निकालने की जानकारी ट्विटर के जरिए देते हुए कहा कि के9 ट्रेनर्स के लिए ये जरूरी है कि कुत्ते अपने काम को इन्जॉय करें। सीआईए ने कहा कि शुरू में हर कुत्ते को काम सीखने में परेशानी होती है, लेकिन फ्रेंडली लुलु को खेलना बहुत पसंद था। एजेंसी ने कहा, ‘हमें ये ऐलान करते हुए बहुत ही दुख हो रहा है कि कुछ ही दिनों की ट्रेनिंग के बाद लुलु ने इस तरह के हरकतें करनी शुरू कर दी थीं, जिससे पता चला कि उसकी बम और एक्प्लोसिव खोजने में ज्यादा रुचि नहीं है।’

 सीआईए ने कहा, ‘इंसानों की तरह कुत्तों को भी कुछ सीखते वक्त अच्छे और बुरे दोनों ही देखने पड़ते हैं। कुछ जल्दी सीख जाते हैं तो कुछ नहीं सीख पाते। ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिसकी वजह से कुत्तों को ट्रेनिंग के वक्त बुरे दिन देखने पड़ते हैं और हमारे ट्रेनर्स कुत्तों के अच्छे साइकॉलोजिस्ट भी होते हैं जो कुत्तों की परेशानी समझ जाते हैं। कभी-कभी कुत्ते बोर हो जाते हैं और उन्हें खेलने के लिए समय की जरूरत होती है, कभी-कभी उन्हें कुछ दिनों का आराम चाहिए होता है। कुछ कुत्तों के साथ कुछ हफ्तों तक काम करने के बाद पता चल जाता है कि वह इस काम के लिए नहीं बने हैं। जब हमने देखा कि लुलु का एक्सप्लोसिव खोजने में मन नहीं लग रहा है तो हमने वही फैसला लिया जो उसके लिए सही था। हमने उसकी ट्रेनिंग बंद कर दी। जब किसी कुत्ते को के-9 प्रोग्राम से हटाया जाता है या वह रिटायर होता है तब उसके परिवार को मौका दिया जाता है कि वह अपने कुत्ते को एडोप्ट कर लें। लुलु के परिवार ने उसे एडोप्ट कर लिया और अब वह बच्चों के साथ, दोस्तों के साथ खेलती है। खरगोश और गिलहरियों का पीछा करती है।’

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