गांधीनगर रैली में राहुल गांधी ने कहा- जीएसटी का मतलब ‘गब्बर सिंह टैक्स’
व्यापक कर सुधारों और नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को उत्पाद व सेवा कर (जीएसटी) को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताया। राहुल ने यह भी कहा कि गुजरात अनमोल है और इसे कभी भी खरीदा नहीं जा सकता। उनकी यह टिप्पणी पाटीदार नेता नरेंद्र पटेल के इस दावे के एक दिन बाद आई कि भाजपा में शामिल होने के लिए उन्हें एक करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी। भाजपा ने पटेल के आरोप को खारिज कर दिया। एक रैली में, राहुल ने जीएसटी का मुद्दा भी उठाया और लोगों को इससे हुई परेशानियों को रेखांकित किया। इस रैली में प्रदेश के ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हुए। गुजरात में करीब दो दशक से सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस की रणनीति अपना राजनीतिक और सामाजिक दायरा बढ़ाने की है।
राहुल ने गांधीनगर में ठाकोर समुदाय की रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘उनकी (केंद्र की) जीएसटी, जीएसटी नहीं है। जीएसटी का मतलब है गब्बर सिंह टैक्स। इससे देश को काफी नुकसान हो रहा है। छोटे दुकानदार समाप्त हो गए हैं। लाखों युवक बेरोजगार हो गए। लेकिन वे अब भी सुनने को तैयार नहीं हैं। मौजूदा जीएसटी वह नहीं है जिसकी परिकल्पना कांग्रेस ने की थी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने नई कर व्यवस्था के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में सरकार को आगाह किया था लेकिन मोदी सरकार ने उन सुझावों के खिलाफ काम किया। राहुल ने सरकार से नई कर व्यवस्था को सरल बनाने को कहा।
राहुल ने नोटबंदी को लेकर भी मोदी का उपहास किया। नोटबंदी की घोषणा पिछले साल आठ नवंबर को हुई थी। उन्होंने कहा, ‘आठ नवंबर को क्या हुआ, नहीं मालूम, मोदी ने कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट मुझे नहीं पसंद है, इसलिए आज रात 12 बजे से वे रद्दी हो जाएंगे। हा हा हा।’ राहुल ने कहा कि पहले दो-तीन दिन तक प्रधानमंत्री को नहीं समझ आया कि क्या हो गया। प्रधानमंत्री ने पांच-छह दिनों बाद अपनी गलती महसूस की। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया।
राहुल ने हार्दिक पटेल की अगुआई वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता नरेंद्र पटेल के रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर मोदी और भाजपा को आड़े हाथों लिया। राहुल ने कहा कि गुजरात की आवाज को दबाया या खरीदा नहीं जा सकता। आप कोई भी पेशकश कर सकते हैं। एक करोड़, दस करोड़, 50 करोड़, 1000 करोड़ रुपए, भारत का पूरा बजट, दुनिया का पूरा धन। लेकिन यह गुजराती आवाज खरीदी नहीं जा सकती। पहले भी इस आवाज को दबाने के प्रयास किए गए। अंग्रेजों ने गांधीजी का दमन करने की कोशिश की। पहले दक्षिण अफ्रीका में, फिर गुजरात में और भारत में। लेकिन गुजरात की आवाज ने उस महाशक्ति को देश से खदेड़ दिया। उधर, भाजपा ने नरेंद्र पटेल के आरोपों को खारिज करते हुए इसे कांग्रेस के इशारे पर किया जाने वाला एक ‘नाटक’ करार दिया। भाजपा की गुजरात इकाई के प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं। यह कांग्रेस के इशारे पर किया गया नरेंद्र पटेल का नाटक है।
पाटीदार नेता ने खड़ी की भाजपा के लिए मुसीबत
गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए हार्दिक पटेल की अगुआई वाले पाटीदार अमानत आंदोलन समिति ( पीएएएस) के एक नेता ने यह दावा कर परेशानी खड़ी कर दी है कि उन्हें भाजपा ने निष्ठा बदलने के लिए एक करोड़ रुपए की पेशकश की थी। सत्ताधारी दल ने इस दावे को झूठा बताते हुए सिरे से खारिज कर बाकी पेज 8 पर दिया है। उत्तरी गुजरात में पीएएएस के संयोजक नरेंद्र पाटिल ने यह दावा रविवार को किया। इसके बाद पीएएएस के ही एक अन्य सदस्य निखिल सवानी ने पार्टी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। कुछ महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए सवानी का आरोप है कि पार्टी ने पाटीदार समुदाय की मांगें मानने का अपना वादा पूरा नहीं किया। नरेंद्र पटेल ने भाजपा की गुजरात इकाई के प्रमुख जीतू वघानी की मौजूदगी में रविवार रात घोषणा की थी कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं। इसके कुछ घंटों के बाद साढ़े दस बजे उन्होंने एक संवाददाता सम्मलेन बुलाकर भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपए की पेशकश की गई थी, लेकिन वह अपने समुदाय के साथ छल नहीं करेंगे।
इस आरोप पर प्रतिक्रिया में भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस के इशारे पर यह ड्रामा किया गया। गुजरात में भाजपा के प्रवक्ता भरत पांड्या ने दावा किया कि ये सभी आरोप झूठे हैं। नरेंद्र पटेल ने यह ड्रामा कांग्रेस के इशारे पर किया। वह भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी इच्छा से आए थे और कुछ ही घंटों में पलट गए। इससे साबित होता है कि सब कुछ पूर्व नियोजित था।
संवाददाता सम्मेलन में नरेंद्र पटेल ने मीडियाकर्मियों को 10 लाख रुपए की नगद राशि दिखाते हुए दावा किया कि यह रकम उन्हें पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के पूर्व नेता वरुण पटेल ने एडवांस में दी थी। वरुण पटेल शनिवार को भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे समझौते में वरुण ने मध्यस्थता की थी। वरुण ने मुझे बताया कि मुझे एक करोड़ रुपए मिलेंगे। वघानी के घर पर बैठक के बाद मुझे रविवार रात भाजपा मुख्यालय ले जाया गया जहां मुझे वरुण पटेल ने एडवांस के तौर पर 10 लाख रुपए दिए और बताया गया कि बाकी 90 लाख रुपए भाजपा के एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को मिलेंगे। नरेंद्र पटेल ने कहा कि उन्होंने वरुण पटेल के निर्देशों का पालन और भाजपा में शामिल होने का दिखावा केवल पार्टी की पोल खोलने के लिए किया। मैं अपने समुदाय को धोखा नहीं दे सकता हूं। मेरे मन में पाटीदार समुदाय के लिए जो निष्ठा है, उसे भाजपा नहीं खरीद सकती है।
हार्दिक पटेल के दो सहयोगियों वरुण पटेल और रेशमा पटेल के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद नरेंद्र पटेल ने यह आरोप लगाया है। इन दोनों नेताओं ने आरोप लगाया था कि पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुआ कांग्रेस एजंट बन गए हैं और आंदोलन का इस्तेमाल राज्य की भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए करने की कोशिश में हैं। पीएएएस के संयोजक सवानी ने भी भाजपा को लेकर अपनी शिकायतें जाहिर कीं। उन्होंने कहा कि जब मैं भाजपा में शामिल हुआ था तब उन्होंने मुझसे वादा किया था कि वह पटेल समुदाय के मुद्दों का हल करेंगे। लेकिन उन्होंने केवल वादे ही किए। पिछले हफ्ते कांग्रेस अध्यक्ष भरत स्ािंह सोलंकी ने हार्दिक पटेल को भाजपा में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया था। सोलंकी ने वादा किया कि अगर राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनती है तो वह आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को 20 फीसद आरक्षण देगी।