छठ पूजा इंतजामों के लिए 20 करोड़ रुपए का बजट
दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय ने दावा किया है कि सरकार ने इस साल छठ पूजा पर पर्याप्त इंतजाम किए हैं। उन्होंने बताया कि इस साल छठ घाटों के रखरखाव के लिए 20 करोड़ रुपए के बजट का अलग से आबंटन किया गया है और कुल 565 घाटों पर सरकार की ओर से पूजा के अंतजाम किए जा रहे हैं। छठ पूजा की तैयारियों की समीक्षा के बाद मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राय ने कहा कि राजस्व विभाग व तीर्थ यात्रा समिति को सभी छठ घाटों पर टेंट, मोबाइल शौचालय, प्रकाशिक आदि की व्यवस्था का जिम्मा दिया गया है। तमाम घाटों पर साफ सफाई आदि को सुनिश्चित करने के भी निर्देश संबंधित एजंसियों को दिए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार पूरी मुस्तैदी से छठ पूजा के आयोजन में जुटी है। उन्होंने बताया कि आगामी 26 अक्तूबर को छठ पूजा के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है।
छठ आस्था का प्रतीक है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए : कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) और निगम की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छठ जैसे महान पर्व को लेकर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि छठ लोगों की आस्था का प्रतीक है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। पार्टी का कहना है कि दिल्ली में जब कांग्रेस की सरकार थी तो वह तीन महीनें पहले से छठ की तैयारी में जुट जाया करती थी। हरियाणा सरकार से छठ से काफी पहले यमुना में पर्याप्त मात्रा में यमुना में पानी छोड़ने के लिए सरकार की ओर से आग्रह किया जाता था और पानी भी छोड़ दिया जाता था।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि छठ समितियों के साथ आप सरकार भेदभाव कर रही है क्योंकि जिन छठ समितियों में उनके लोग हैं उन समितियों को ज्यादा फंड दिया जा रहा है जबकि दूसरी समितियों को कम फंड दिया जा रहा है। पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली में छठ पर्व के लिए लोगों को सुविधाएं देने की शुरूआत कांग्रेस ने की। उन्होंने कहा कि 1998 के बाद छठ पर्व को तीर्थ कमेटी में भी कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने ही सम्मिलित किया था। उन्होंने केंद्र सरकार में तत्कालीन शहरी विकास मंत्री रहे अजय माकन ने आइटीओ घाट जो कि ओ जोन में आता था, उस पर डीडीए के द्वारा घाट बनाने की मंजूरी दिलाकर ढाई करोड़ रुपया भी आबंटित कराया था। कांग्रेस के शासन काल में ही दिल्ली में 78 बड़े घाटों को बनाया गया था।