नोटबंदी के एक साल पर भाजपा मनाएगी ‘कालाधन विरोधी दिवस’
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी को एक साल पूरा होने के मौके पर आगामी आठ नवंबर को भाजपा ‘कालाधन विरोधी दिवस’ मनाएगी। विपक्ष ने उस दिन ‘काला दिवस’ बनाने का एलान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को पुराने पांच सौ और हजार रुपए के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में जेटली ने कहा कि यह देश में काला धन खत्म करने के उनकी सरकार के अभियान के तहत किया गया था। सरकार के अनेक प्रयासों से देश में काला धन पर रोक लगने में कामयाबी मिलनी शुरू हुई है। मोदी सरकार बनने पर कालाधन का पता लगाने के लिए एसटीए का गठन किया गया। लोगों को घोषित करने का मौका दिया क्योंकि काला धन रखने वालों के दस साल की सजा का प्रावधान है। सरकार ने इसे लागू कराया। उन्होंने कालेधन की समस्या से निपटने के लिए मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।
जेटली ने कहा कि भाजपा के लिए यह प्राथमिकता वाला कार्यक्रम होगा और पार्टी के वरिष्ठ नेता, केंद्रीय मंत्री और राज्यों के भाजपा नेता शामिल होंगे। प्रधानमंत्री के शामिल होने के सवाल पर उनका कहना था कि जल्द ही नेताओं की सूची और इलाके का नाम घोषित किया जाएगा। जेटली ने कहा कि आठ नवंबर को कालाधन विरोधी दिवस मनाया जाएगा। भाजपा ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब करीब 18 राजनीतिक दलों ने आठ नवंबर को ‘काला दिवस’ मनाने की घोषणा की है।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने काला धन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इस सरकार ने अनेक देशों से इस बारे में समझौता किया ताकि कोई भी भी देश का धन विदेश में आसानी से न ले जा पाए। कांग्रेस ने तो 2008 से 2012 तक बैंकों में लूट मचाई। भारी तादात में ऐसे लोगों को कर्ज दिलवाए जिन्होंने पैसे वापस ही नहीं किए। सही मायने में तो कांग्रेस ने बैंको को कंगाल बनाने का काम किया। उनकी सरकार का ज्यादा समय तो पिछली सरकार की गलतियों को ठीक करने में लग गया है। उनका दावा था कि सरकार के प्रयास से नकदी का चलन कम हुआ है और डिजिटल भुगतान दो गुणा हो गया है। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती जा रही है।