केरल: यहां ‘भगवान’ के लिए ठहर जाता है पूरा एयरपोर्ट, उड़ानों पर लग जाती है रोक
दुनिया में क्या कोई ऐसा हवाई अड्डा होगा जो सैकड़ों साल पुराने मंदिर की शोभायात्रा निकालने के लिए रनवे बंद करता है और विमान परिचालन के समय को पुननिर्धारित करता है। केरल की राजधानी में स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अपनी तरह का पहला ऐसा हवाई अड्डा हो सकता है जो सुप्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर के वार्षिक समारोहों के लिए कुछ दशकों से साल में दो बार विमानो का परिचालन न केवल रोक देता है बल्कि इसके उड़ान समय में बदलाव भी करता है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर के ‘‘पैंकुनी’’ तथा ‘‘अल्पास्सी’’ समारोह के दसवें और अंतिम दिन मूर्ति का स्रान समारोह ‘‘आरात्तु’’ की शोभायात्रा निकाली जाती है और यह स्थानीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे से होकर गुजरती है। इस दौरान पांच घंटे के लिए यहां विमानों का परिचालन रोक दिया जाता है। यहां आने वाले और यहां से उड़ान भरने वाले विमानों का परिचालन पांच घंटे के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाता है। यह समारोह तमिल महीने पैंकुनी और अल्पासी में होता है।
सूत्रों ने बताया कि हवाई अड्डा की तरफ से यह शोभायात्रा निकाले जाने से एक सप्ताह पहले ‘नोटम’ (एयरमेन को नोटिस) जारी किया जाता है। इस नोटिस में हवाई क्षेत्र प्रबंधन के लिए प्रतिष्ठान से संबंधित जानकारी, वहां दी जाने वाली सुविधाओं, सेवाओं और प्रक्रियाओं की स्थिति या उनमें किसी तरीके के होने वाले बदलाव समेत अन्य जानकारी होती है।
हवाई अड्डे से होकर गुजरने वाली पास के षणगुमुगम बीच में मूर्ति के अनुष्ठानवादी स्रान के लिए जब शोभायात्रा रनवे से होकर गुजरती है तो केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान इसके दोनों तरफ खड़े होकर इसकी सुरक्षा करते हैं। इस ‘पवित्र स्रान’ के बाद इसी रास्ते रात में शोभायात्रा वापस मंदिर जाती है। इस दौरान लोग जलता हुआ ‘दीवेत्ती’ (पारंपरिक लैंप) लेकर इस शोभायात्रा को घेरे रहते हैं ।