आजादी के बाद काट दी गई थीं लाइनें, फिर शुरू होगा भारत-बांग्लादेश रेल रूट
बांग्लादेश के रेल मंत्री मुजीबुल हक ने कहा है कि भारत के साथ 12 स्थानों पर रेल लाइनों को फिर से जोड़ने की पहल शुरू कर दी गई है। रेल लाइन 1947 में देश के बंटवारे के बाद कट गई थी। उन्होंने शुक्रवार शाम संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम उन सभी रेल लाइनों को फिर से जोड़ना चाहते हैं जो भारत के बंटवारे से पहले मौजूद थीं। अभी भारत और बांग्लादेश के बीच 12 स्थानों पर रेल लाइन को बहाल करने की पहल की जा रही है। इस संबंध में दोनों सरकार एक-दूसरे का सहयोग कर रही हैं।’’
हक दोनों देशों के रोटरी क्लबों द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में शामिल होने आए थे। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। बांग्लादेश के मंत्री ने कहा कि भारत से मिली वित्तीय मदद के साथ उनके देश के ब्राह्मणबाड़िया जिले में तितास और भैरव नदियों पर दूसरे रेल पुल का निर्माण पूरा हो गया है और इसका उद्घाटन शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ढाका और कोलकाता के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस के अतिरिक्त दूसरी ट्रेन बंधन एक्सप्रेस (बांग्लादेश) और कोलकाता के बीच चलेगी और इसकी शुरुआत अगले महीने होने की संभावना है।
हक ने कहा, ‘‘राजशाही (बांग्लादेश) और कोलकाता को जोड़ने के लिए ढाका की तरफ से एक ट्रेन शुरू किए जाने का प्रस्ताव है।’’ उन्होंने रेखांकित किया कि 15 किलोमीटर लंबी अगरतला-अखौरा परियोजना से संबंधित कार्य संतोषजनक है और इसके लिए बांग्लादेश की तरफ भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। पश्चिमी त्रिपुरा जिले के मजिस्ट्रेट मिलिन्द रामटेके ने पूर्व में संवाददाताओं से कहा था कि भारत की तरफ भी इस परियोजना के लिए जमीन अधिकरण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए 97.63 करोड़ रुपए जारी किए हैं। हक ने कहा कि अगरतला को बांग्लादेश में अखौरा से जोड़ने के लिए रेल पटरी बिछाने की प्रक्रिया अगले साल पूरी हो जाएगी।