100 साल की उम्र में आजाद भारत का पहला वोटर करेगा मतदान, एेसे होगा वेलकम
आजाद भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी के लिए चुनाव आयोग ने खास तैयारियां की हैं। नेगी 9 नवंबर को हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेंगे। 100 साल के नेगी को चलने-फिरने में परेशानी के चलते किन्नौर प्रशासन ने उनके लिए बूथ स्थल तक वाहन की सुविधा देने की योजना बनाई है। खबर के अनुसार पोलिंग स्टेशन पर रेड कार्पेट बिछाकर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। दरअसल आजादी के बाद जब देश में पहली बार चुनाव हुए तब चुनाव आयोग ने किन्नौर में समय से पहले ही मतदान कराया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि जनजातीय इलाकों में बर्फबारी के कारण आवागमन अवरुद्ध हो जाता है, इस लिहाज से इन इलाकों में भारत के अन्य हिस्सों से पहले ही मतदान कराने का फैसला लिया गया। चुनाव आयोग ने जहां देशभर में चुनाव जनवरी-फरवरी 1952 में कराने के आदेश दिए वहीं किन्नौर में 25 अक्टूबर 1951 में चुनाव कराए गए। तब नेगी देश के पहले मतदाता बने थे जिन्होंने आजाद भारत में मंडी-महासु (मंडी) संसदीय क्षेत्र के लिए वोट डाला।
गौरतलब है कि देश भर के जनजातीय इलाकों में सबसे पहले हिमाचल के किन्नौर इलाके को ही चुना गया। उस समय किन्नौर में श्याम सरन नेगी को पोलिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी निभानी थी। उस समय सुविधाओं और संसाधनों की कमी थी। साथ ही किन्नौर का इलाका भी दुर्गम था। मतपेटी तो थी नहीं, ऐसे में श्याम सरन नेगी ने टीन के कनस्तर को मतपेटी का रूप दिया। अब मतदान की बारी थी। हालात ऐसे थे कि कोई भी व्यक्ति मतदान के लिए मौजूद नहीं था, तो नेगी ने ही सबसे पहले मतदान किया। ये 25 अक्टूबर 1951 की बात थी। खुद वोट डालने के बाद उन्होंने महीने भर पूरे कबायली इलाके में घूम-घूम कर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और उनसे मतदान करवाया। उनके इस प्रयास को देश भर में सराहना मिली थी। भारत में लोकतंत्र की मजबूती और मतदान को लेकर श्याम सरन नेगी के योगदान पर उन्हें कई बार सम्मानित किया गया।