गुजरात में नरेंद्र मोदी से दोस्ती नहीं निभाएंगे नीतीश कुमार, अपने दम पर चुनाव लड़ेगी जेडीयू
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में स्वतंत्र रूप से भाग लेगी। शनिवार (28 अक्टूबर) को गुजरात चुनाव पर बात करते हुए जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि गुजरात में हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। हम किसी पार्टी या गठबंधन में मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे। यहां तक भाजपा से भी गठबंधन नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी अपनी पारंपरिक सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। क्योंकि इससे पहले भी जब जेडीयू एनडीए गठबंधन में शामिल थी तब भी हमने बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ा था। नीतीश गुट ने जुलाई में राजद और कांग्रेस का साथ छोड़कर बिहार में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया था।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बुधवार (24 अक्टूबर) को गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। आयोग ने दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला किया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ए के जोति ने राज्य विधानसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि गुजरात की 182 सीटों के लिए पहले चरण में 89 सीटों पर नौ दिसंबर को चुनाव होंगे। वहीं, दूसरे चरण में 93 सीटों पर 14 दिसंबर को मतदान होगा। जोती ने बताया कि गुजरात में दोनों चरणों के मतदान के बाद 18 दिसंबर को मतगणना होगी। निर्वाचन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत 14 नवंबर को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही होगी। इसके साथ ही राज्य के कुल 33 जिलों में से 19 जिलों में होने वाले पहले चरण के मतदान से जुड़ी 89 सीटों के लिए उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में शेष 93 सीटों पर चुनाव के लिए 20 नवंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा किए जाने के साथ ही राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। जोती ने बताया कि गुजरात में दोनों चरणों के मतदान के लिए कुल 50128 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, इन पर राज्य के 4.33 करोड़ मतदाता वीवीपैट युक्त ईवीएम के जरिए मतदान कर सकेंगे। आयोग ने राज्य में पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित 182 मतदान केंद्र भी बनाए हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में इस तरह का एक मतदान केंद्र होगा। उन्होंने बताया कि समूची चुनाव प्रक्रिया में शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। इसके अलावा चुनाव आचार संहिता के पालन के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों पर भी निगरानी के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।