तीर गर्दन के पार हुआ, बाल बाल बची 15 साल की तीरंदाज फाजिला खातून
सोमवार की सुबह एक हादसे में 15 साल की एक तीरंदाज बाल-बाल बचीं। तीरंदाजी के अभ्यास के दौरान तीर उनकी गरदन में लगा। भारतीय खेल प्राधिकरण (बोलपुर) की इस तीरंदाज के गर्दन के दाएं हिस्से से तीर आरपार हो गया। तीरंदाज का अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने उसके गले से टूटा हुआ तीर निकाल दिया है और उसकी हालत खतरे से बाहर है। भारतीय खेल प्राधिकरण (बोलपुर) की तीरंदाज सोमवार सुबह तीरंदाजी का अभ्यास कर रही थी, तब यह हादसा हुआ। एक साथी तीरंदाज का चलाया एक तीर उनकी गर्दन के दाएं हिस्से से आर-पार निकल गया था।
साइ के क्षेत्रीय निदेशक एमएस गोइंडी ने इसे ‘दुर्घटना’ करार दिया और कहा कि तीरंदाज फाजिला खातून की गर्दन के पास से तीर आर-पार निकल गया। हालांकि वह खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा, ‘एक तीर उनकी गर्दन के पास से आर-पार हो गया लेकिन सौभाग्य से वह उनकी सांस की नली से होकर नहीं गुजरा और अब वह खतरे से बाहर है।’ रिपोर्ट के अनुसार साथी तीरंदाज ज्वेल शेख का गलती से चला तीर फाजिला को लगा था। वीडियो में दिखाया गया है कि फाजिला अस्पताल में है और तीर उनकी गर्दन की दांई तरफ से आर-पार हुआ है।
गोइंडी ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश देते हुए कहा, ‘निशाना लगाने को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं कि जब तीरंदाज तीर एकत्रित करने गया हो, तब कोई दूसरा तीरंदाज निशाना नहीं लगाएगा। उनके वापस अपनी जगह पर लौटने के बाद ही अगले दौर के निशाने लगाए जाते हैं। लेकिन मैं नहीं जानता कि यह कैसे हुआ।’ उन्होंने कहा कि आगे ऐसा न हो, इस बात का ध्यान रखा जाएगा। गोइंडी ने कहा, ‘सभी कोच जवाबदेह हैं। मैं पूरी जांच करवाऊंगा कि क्या हमारी तरफ से कोई चूक हुई है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं घटे।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कोचिंग स्टाफ की तरफ से चूक हुई क्योंकि एक सेट निशाने पर लगाने के बाद निशाना नहीं लगाने की घोषणा कर दी जाती है।’ फाजिला रिकर्व की युवा तीरंदाज है। वह उन 23 प्रशिक्षुओं में शामिल हैं, जिन्हें जुलाई में जिला प्रतियोगिताओं में ट्रायल के बाद साइ केंद्र के लिए चुना गया था। वह अगले महीने होने वाले अंतर साइ टूर्नामेंट के लिए तैयारियां कर रही थी।
दूसरी ओर साई केंद्र के प्रभारी उत्पल गांगुली ने बताया कि 15 साल की फरीदा खातून के गले के दांयी ओर अभ्यास कर रही दूसरी प्रशिक्षु का तीर लग गया। उसे लगने के बाद तीर टूट गया। उन्होंने कहा, ‘हवा की वजह से अचानक तीर की दिशा बदल गई थी। लड़की अब खतरे से बाहर है।’ पास के लाभपुर गांव की रहने वाली फरीदा को बोलपुर के अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने टूटे हुए तीर को उसके गले से निकाला।