वेंकैया नायडू की सीट से अल्फोंस का राज्यसभा में जाना तय

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट से अब केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के अल्फोंस सांसद बनेंगे। राज्यसभा की एक सीट के उपचुनाव के लिए सोमवार को यहां अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई। विधानसभा में भाजपा के संख्या बल के मुताबिक अल्फोंस की जीत तय है। राज्य से अल्फोंस के राज्यसभा सदस्य बनने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान की हिस्सेदारी भी बढ़ जाएगी। प्रदेश से अभी छह सांसद केंद्र में मंत्री है। प्रदेश की दो सौ सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 199 सदस्य है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार राज्यसभा उपचुनाव की सोमवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

उम्मीदवार 6 नवंबर तक परचे दाखिल कर सकते है। जरूरी होने पर 16 नवंबर को मतदान होगा और उसी दिन नतीजा घोषित होगा। भाजपा ने अपना प्रत्याशी अल्फोंस को बनाया है। विधानसभा में संख्या बल को देखते हुए कांग्रेस संभवतया उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इससे अल्फोंस के निर्विरोध ही चुने जाने के प्रबल आसार है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी ने अल्फोंस को प्रत्याशी बनाये जाने पर केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया है। परनामी ने बताया कि अल्फोंस जल्द ही अपना नामांकन जयपुर आकर दाखिल करेंगे।

राजस्थान से राज्यसभा की कुल दस सीटें है। इनमें से मौजूदा समय में भाजपा के सात सदस्य है और दो कांग्रेस के है। कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और नरेंद्र बुढानिया का कार्यकाल अप्रैल 2018 में पूरा हो रहा है। विधानसभा में भाजपा के 162 विधायक है। प्रदेश में अप्रैल में राज्यसभा की चार सीटें रिक्त होंगी। इन पर चुनाव होने की स्थिति में सभी चारों सदस्य भाजपा के ही निर्वाचित होना तय है। इससे पहली बार यह स्थिति बनेगी कि प्रदेश से राज्यसभा में सभी सदस्य भाजपा के होंगे। राज्यसभा में अल्फोंस से पहले विजय गोयल भी राजस्थान से ही राज्यसभा में गए है। इससे प्रदेश से दो बाहरी नेता राज्यसभा में हो गए है।

 

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