गुजरात में 36 घंटों में 11 नवजात शिशुओं की मौत, कांग्रेस ने की SIT जांच की मांग

कांग्रेस ने गुजरात के एक राजकीय अस्पताल में 36 घंटों में 11 नवजात शिशुओं की मौत की गुजरात सरकार से एसआईटी से जांच कराने की आज मांग की और कहा कि वह लोगों से इसके लिए माफी मांगे। राजकीय अस्पताल में शुक्रवार की आधी रात से 36 घंटों में 11 नवजात शिशुओं की मौत होने पर गुजरात सरकार ने मौतों के कारण तथा परिस्थितियों की जांच कराने का आदेश दिया था। सरकार ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में अस्पताल को क्लीन चिट दी और कहा कि नवजात बच्चों की मौत समय से पूर्व जन्म लेने तथा जन्म के समय वजन कम होने के कारण हुई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीजों को उचित, गहन और समय से इलाज दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने सरकारी समिति से राजकीय अस्पताल को क्लीन चिट मिलना ढकोसला बताते हुए मांग की कि उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआईटी) से मामले की जांच करानी चाहिए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि नवजात शिशुओं पर नजर रखने के लिए उनके वार्ड में 24 घंटे कैमरे जरूरी हैं। लेकिन वह सोमवार को उस वार्ड में गए थे और वहां एक भी स्थान पर कैमरा नहीं लगा था। उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि खुद को क्लीन चिट देकर अपनी पीठ थपथपाने के बदले सरकार अपनी गलतियों को स्वीकार करे और लोगों से माफी मांगे।’’

बता दें कि कुछ समय पहले ही सिविल हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एमएम प्रभाकर ने बताया था कि जिन बच्चों को निजी हॉस्पिटल में भेजा गया वहां के ज्यादातर डॉक्टर्स दिवाली की छुट्टी पर घर गए हुए थे। जिन शिशुओं की मृत्यु हुई है उनका वजन काफी कम था। कई बच्चों का वजन एक किलोग्राम से भी कम था। मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि इन शिशुओं की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई। दूसरी तरफ, हेल्थ कमिश्नर डॉक्टर जयंती रवि ने शिशुओं की मृत्यु की पुष्टि करते हुए कहा था, हमने मामले में संज्ञान लिया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार कुछ शिशुओं की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसमें कुछ शिशुओं की मौत सेप्टिसीमिया की वजह से हुई जबकि एक बच्चे का खून का थक्का रूक गया। शिशुओं की मौत का ये बड़ा मामला है। इस मामले में हम पूरी रिपोर्ट पर नजर बनाए रखेंगे।

 

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