राष्ट्रीय व्यंजन नहीं बनने जा रही ‘मुगलों की पसंदीदा’ खिचड़ी, ढाई हजार साल पुराना है इसका इतिहास
बुधवार (एक नवंबर) को अचानक ही सोशल मीडिया पर अफवाह फैल गयी कि नरेंद्र मोदी सरकार खिचड़ी को राष्ट्रीय पकवान घोषित करने वाली है। देखते ही देखते ही खिचड़ी के इतिहास, भूगोल और समाजशास्त्र को लेकर मीडिया में बयान और लेख छपने लगे। इस अफवाह ने इतना जोर पकड़ लिया कि बुधवार रात को देश की खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर को इसका खंडन करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने साफ किया कि खिचड़ी को केवल #WorldFoodIndia फेस्टिवल में रिकॉर्ड फूड के तौर पर शामिल किया गया है। जाने-माने कुक संजीव कपूर वर्ल्ड फूड इंडिया फेस्टिवल में करीब आठ हजार किलो खिचड़ी बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करेंगे। तीन नवंबर से पांच नवंबर तक आयोजित इस फूड फेस्टिवल में 20 देशों के प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। आप फेस्टिवल में शामिल होकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाली खिचड़ी का मजा ले सकते हैं। लेकिन आज हम आपको समूचे दक्षिण एशिया में लोकप्रिय इस पकवान का इतिहास बताएंगे।\
माना जाता है कि खिचड़ी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के खिच्चा शब्द से हुई है। खिच्चा चावल और विभिन्न प्रकार की दाल से बनने वाला खाद्य पदार्थ होता है। खिचड़ी का इतिहास करीब ढाई हजार साल पुराना है। इंडिया करेंट्स नामक वेबसाइट के एक लेख के अनुसार ग्रीक राजदूत सेलुकस ने लिखा है कि इंडिया में चावल और दाल से बना खाद्य पदार्थ काफी लोकप्रिय है। पाकशास्त्री मानते हैं कि ये डिश खिचड़ी या उसका पूर्व रूप रही होगी। मोरक्को के सैलानी इब्न बतूता ने भी भारत में चावल और मूंग की दाल से बनने वाली खिचड़ी का उल्लेख किया है। इब्न बतूता सन् 1350 में भारत आया था। 15वीं सदी में भारत आने वाले रूसी यात्री अफानसी निकितीन ने भी भारतीय उपमहाद्वीप में लोकप्रिय खिचड़ी का जिक्र किया है।
मुगल बादशाहों को भी खिचड़ी काफी पसंद थी। मुगल बादशाह के दरबारी और सलाहकार अबुल फजल ने आईन-ए-अकबरी में खिचड़ी का जिक्र किया है। आईन-ए-अकबरी में खिचड़ बनाने का सात तरीके दिए हुए हैं। अकबर और बीरबल के किस्सों में खिचड़ी पकाने का किस्सा काफी मशहूर है। माना जाता है कि अकबर के बेटे जहांगीर को खिचड़ी बहुत पसंद थी। मुगलों से खिचड़ी से प्यार की वजह से ही मशहूर शेफ तरला दलाल ने खिचड़ी की अपने एक रेसिपी का नाम शाहजहानी खिचड़ी रखा।
खिचड़ी भारत के कई राज्यों हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र इत्यादि में लोकप्रिय है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और फिजी जैसे देशों में भी खिचड़ी खायी जाती है। दक्षिण भारत में पोंगल और उत्तर भारत में मकरसंक्राति पर खिचड़ी खाने की परंपरा है। मकरसंक्रांति को उत्तर भारत के कई इलाकों में खिचड़ी कहा जाता है। भारत में किसी चीज का धर्म से वास्ता न हो तो हैरत ही होगी। खिचड़ी अपवाद नहीं है। उत्तर भारत में मान्यता है कि शनिवार को खिचड़ी खाने से शनि ग्रह का प्रकोप नहीं होता। कई जगहों पर शनि मंदिरों में खिचडी़ प्रसाद के तौर पर भी चढ़ाई जाती है।