अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपने जज को दोबारा चयनित कराने में जुटा भारत
दीपक रस्तोगी
अंतरराष्ट्रीय अदालत (इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस) में अपने जज दलवीर भंडारी को दोबारा चयनित कराने में भारत सरकार आक्रामक अंदाज में जुटी हुई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लॉबिंग में विदेश मंत्रालय के आला अधिकारियों के अलावा शीर्ष स्तर के नेता और अधिकारी जुटे हुए हैं। जजों की पांच सीटों के लिए नौ नंवबर को मनोनयन होना है। न्यूयार्क में इसके लिए चुनाव होंगे। आइसीजे में भंडारी के प्रमुख प्रतिभागी नवाफ सलाम हैं, जो पिछले 10 साल से संयुक्त राष्ट्र में लेबनान के स्थाई प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहे हैं। दरअसल, एशिया के कोटे से खाली हो रही सीट पर ही दो दावेदार हैं। बाकी चार उम्मीदवार निर्विरोध जज बनेंगे। भारत सरकार इस चुनाव को लेकर कितना गंभीर है, यह इसी बात से पता चलता है कि विदेश मंत्रालय में इसके मद्देनजर चल रही लॉबिंग के लिए एक विशेष डेस्क गठित की गई है। इसका प्रमुख एक संयुक्त सचिव को बनाया गया है।
भारत सरकार का प्रयास है कि भंडारी दोबारा चुन लिए जाएं। दोबारा चुने जाने पर भंडारी आइसीजे की उस पीठ का हिस्सा होंगे, जो भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई कर रही है। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुना रखी है। भारत सरकार ने इस सजा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपील कर रखी है, जिसपर अगले साल फरवरी के बाद सुनवाई शुरू होगी। इसी कारण भारतीय जज भंडारी को दोबारा चुनवाने के लिए शीर्ष स्तर की लॉबिंग प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और विदेश राज्य मंत्री के स्तर से भी चल रही है। सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए अपनी न्यूयार्क यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी हर बैठक में भारतीय जज को चुने जाने के लिए प्रचार किया।
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर इसके लिए प्रधानमंत्री के विशेष दूत के तौर पर विभिन्न देशों की यात्राएं कर रहे हैं। वे विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों को इस बाबत प्रधानमंत्री का पत्र भी सौंप रहे हैं। हाल में उन्होंने सेनेगल के राष्ट्रपति और घाना के विदेश मंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र सौंपे। 21 अक्तूबर को उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसि से मुलाकात की। अरब देशों में मिस्र को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रभावी देश माना जाता है।
आइसीजे के जज के चुनाव में संयुक्त राष्ट्र आमसभा और सुरक्षा परिषद के सदस्य गोपनीय मतपत्र से वोट डालेंगे। आमसभा से 97 और सुरक्षा परिषद से आठ वोट पाने वाले को जज के पैनल में मनोनीत किया जाएगा। विदेश मंत्रालय की विशेष डेस्क से जुड़े अधिकारी के अनुसार, अगर दोनों सभाओं की राय अलग रही तो दोबारा उम्मीदवारों के नाम पर मतदान कराया जाएगा। अगर फिर भी बात नहीं बनी तो दोनों सभाओं की बैठक में नाम तक किया जाएगा।