जंग में बेटे को पाकिस्तान ने बनाया था बंदी, फील्ड मार्शल करियप्पा का जवाब सुन चौड़ा हो जाएगा आपका सीना
भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इंडियन आर्मी के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को भारत रत्न देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि समय आ गया है कि अब करियप्पा के नाम की सिफारिश देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान (भारत रत्न) के लिए की जाए। उन्होंने आगे कहा कि जब अन्य लोगों को यह सम्मान मिल सकता है तो मुझे समझ नहीं आता कि करियप्पा इस सम्मान के हकदार क्यों नहीं हैं। (Express Archive)
कौन थे केएम करियप्पा? करियप्पा को भारत के उस पहले अधिकारी के रूप में जाना जाता है जिन्होंने भारतीय सेना के ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर रॉय बुशर से पदभार संभाला था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मेडकरी और आगे की शिक्षा मद्रास (चेन्नई) के मशहूर प्रेसीडेंसी कॉलेज से हासिल की। (Express Archive)
करियप्पा आजाद भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ थे। वो साल 1919 में ब्रिटिश आर्मी भर्ती हुए थे। उन्हें कर्नाटक इन्फैंट्री मुंबई (अब मुंबई) में अस्थाई सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में पदभार दिया गया। (Express Archive)
करियप्पा 1941 से 1942 तक इराक, सीरिया और ईरान में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जबकि 1943-44 में बर्मा में तैनात रहे। उन्होंने सालों तक वजीरिस्तान (पाकिस्तान) में अपनी सैन्य सेवाएं दीं। करियप्पा ही पहले भारतीय थे जिन्हें साल 1942 में सैनिक यूनिट की कमांड दी गई। (Express Archive)
जंग में पाकिस्तान ने बेटे को बनाया बंदी 1965 में भारत-पाकिस्तान जंग के समय करियप्पा के बेटे एयर मार्शल केसी करिअप्पा को पाकिस्तान सैनिकों ने बंदी बना लिया था। उनके बेटे को बंदी बनाकर पाक आर्मी चीफ ने तुंरत उन्हें फोन कर इसकी जानकारी दी। बताया गया कि उनके बेटे के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा। (Express Archive)
तब पाकिस्तान को इसका बहुत ही चौंकाने वाला जवाब देते हुए करियप्पा ने कहा कि वो मेरा बेटा नहीं है। वो इस देश (भारत) का बेटा है। जो एक सच्चे देशभक्त की तरह अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ता है। मेरे बेटे को स्पेशल सुविधा ना दी जाएं। बता दें कि करियप्पा को जनरल सर्विस मेडल, इंडियन इंडिपेंडेंस मेडल, ऑर्डर ऑफ दा ब्रिटिश एम्पायर, 1939-45 स्टार, बर्मा स्टार, वॉर मेडल 1939-45, इंडियन सर्विस मेडल और लीजन ऑफ मेरिट से सम्मानित किया जा चुका है। (Express Archive)