‘कश्मीर मसला सुलझाने के लिए मेरे पास नहीं है जादू की छड़ी’

कश्मीर मामले पर बातचीत के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा ने कहा है कि उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन वह घाटी में सोमवार से आरंभ हो रही बातचीत की प्रक्रिया को लेकर अपने काम से परखा जाना चाहते हैं। शर्मा ने कहा, ‘‘मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, लेकिन मेरे प्रयासों को अतीत के चश्मे से नहीं, बल्कि गंभीरता के साथ परखना होगा।’’ खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख ने कहा कि कश्मीर में कई पक्षों के साथ बातचीत की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

उन्होंने दिल्ली में पीटीआई से कहा, ‘‘मैं अपने कामों से परखा जाना चाहूंगा।’’ अपने काम को गंभीर प्रयास करार देते हुए शर्मा ने कहा कि हवा में तीर चलाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कल अपने लोगों के साथ जा रहा हूं। मैं उनके दर्द और पीड़ा को समझता हूं तथा उनकी समस्याओं को लेकर एक उचित समाधान पाना चाहता हूं।’’ मीडिया के कुछ हिस्सों में हुई आलोचना के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस मुश्किल लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि खुफिया ब्यूरो के साथ जुड़े रहने के सफर के दौरान कश्मीर उनका दूसरा घर था।

शर्मा ने कहा, ‘‘मैं जब पहली बार कश्मीर गया था तब से कुछ नहीं बदला है। कश्मीरियत में तनिक भी बदलाव नहीं आया है। ऐसे में आशावान हूं कि मैं नए कश्मीर, एक शांतिपूर्ण घाटी की दिशा में योगदान दे सकूंगा जहां समृद्धि और रोजमर्रा की बात होगी।’’ पिछले महीने गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शर्मा को कश्मीर के लिए वार्ताकार घोषित किया था और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से दिए गए भाषण का उल्लेख भी किया था। मोदी ने बीते 15 अगस्त के अपने भाषण में कहा, ‘‘ना गाली से , ना गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से।’’ यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे तो शर्मा ने कहा, ‘‘मेरे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि रातोंरात हालात बदल दूं। परंतु मेरी यह कोशिश होगी कि राज्य में स्थायी शांति सुनिश्चित की जाए।’’

 

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