राम रहीम को कोर्ट से भगाने का था प्लान, फेल हुआ तो गार्ड ने फोन पर दिया हिंसा का निर्देश
राम रहीम का समर्थन करने वाले हरियाणा पुलिस में भी मौजूद थे। इस बात का पता गुरमीत राम रहीम के दोषी साबित होने के बाद पता चला। खबरों के मुताबिक, सात लोगों ने राम रहीम के दोषी साबित होने के बाद उसको वहां से भगाने की कोशिश की थी। इसके लिए बाकी पुलिसवालों और सिक्योरिटी गार्ड से उन लोगों की झड़प भी हो गई थी। जिसके चलते वे अपने प्लान में फेल हो गए। फेल होने के बाद कथित रूप से उन लोगों ने ही किसी को फोन किया और फिर हिंसा शुरू हुई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फोन कॉल की वजह से ही हिंसा ज्यादा भड़की।
पुलिस के मुताबिक, बाबा को भगाने की कोशिश में कुल सात लोग लगे थे। इसमें पांच हरियाणा पुलिस के थे। ये लोग बाबा की जेड प्लस सिक्योरिटी का हिस्सा थे। बाकी दो लोग प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड थे। पुलिसवालों की पहचान हेड कॉन्सटेबल अजय, कॉन्सटेबल राम सिंह, हेड कॉन्सटेबल विजय सिंह, सब इंस्पेक्टर बलवान सिंह और कॉन्सटेबल किशन कुमार के रूप में हुई है। प्राइवेट सिक्योरिटी में लगे लोगों का नाम प्रीतम सिंह और सुखबीर बताया गया है।
फोन कॉल पर क्या कहा गया: डेरा समर्थकों को पंचकुला में एकत्रित होने के लिए फोन किया गया था। इसके अलावा समर्थकों को यह भी बताया जा रहा था कि कहां पर क्या करना है। उन लोगों को कोर्ट परिसर की तरफ ना आने के लिए भी कहा गया था क्योंकि वहां फोर्स ज्यादा थी और समर्थक पकड़े जा सकते थे। एक मैसेज में कहा गया संगत आएगी, संगत बढ़ती चली जाएगी, फिर चलेंगे।
गौरतलब है कि शुक्रवार को राम रहीम को साध्वी बलात्कार के मामले में सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया था। राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकुला समेत हरियाणा और पंजाब में हिंसा भड़क गई थी। पंचकुला हिंसा में 31 और सिरसा में 7 लोगों की मौत हुई थी जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस मामले में सोमवार को राम रहीम को सजा सुनाई जाएगी। राम रहीम रोहतक की जेल बंद में हैं। सजा सुनाने के लिए उन्हें जेल से बाहर नहीं लेकर जाया जाएगा बल्कि जज ही जेल जाकर राम रहीम को सजा सुनाएंगे।