केजरीवाल सरकार के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे कांग्रेसी चिदंबरम
दिल्ली में अधिकारों की जंग को लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच जारी कानूनी लड़ाई में केजरीवाल सरकार की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को अपना वकील बनाए जाने को लेकर दिल्ली के सियासी गलियारों में गरमाहट महसूस की जा रही है। पांच साल पहले ट्वीट पर ट्वीट कर चिदंबरम को भ्रष्ट नेता करार देने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल इस मुद्दे को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। चिदंबरम आगामी मंगलवार को अदालत में दिल्ली सरकार का पक्ष रखेंगे। वे दिल्ली सरकार की ओर से चुनी गई नौ वकीलों की उस टीम का हिस्सा हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने के लिए चुना गया है।
गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन व इंदिरा जयसिंह जैसे वकील भी दिल्ली सरकार का पक्ष अदालत में रखेंगे। सरकार के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि चूंकि चिदंबरम वकील होने के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री भी रह चुके हैं, लिहाजा उन्हें दिल्ली की संवैधानिक स्थिति की ठीक -ठीक जानकारी है और उनकी दलीलें विपक्षी वकील के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगी। इससे भी बड़ी बात यह बताई गई है कि आज दिल्ली सरकार के वकीलों की सूची में चिदंबरम का नाम देखकर दिल्ली के कांग्रेसी व भाजपा नेताओं को भले ही एतराज हो रहा हो, लेकिन सच यह है कि इससे पहले भी चिदंबरम दिल्ली सरकार को अहम मामलों में सलाह देते रहे हैं। संसदीय सचिव के मामले भी उन्होंने दिल्ली सरकार को सलाह दी थी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने पांच साल पहले चिदंबरम को लेकर किए गए केजरीवाल के ट्वीट को टैग कर पूछा कि अब क्या हो गया। आज मुख्यमंत्री केजरीवाल को कांग्रेस के नेताओं में भ्रष्टाचार नहीं दिखाई दे रहा। उनका इशारा इस ओर था कि कांग्रेस के नेताओं को भ्रष्ट बताकर दुष्प्रचार करने वाले केजरीवाल को आखिकार कांग्रेस के अनुभवी नेताओं का ही सहारा लेना पड़ रहा है। इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आप को कांग्रेस की ‘बी’ टीम करार दिया। तिवारी ने कहा कि चाहे चिदंबरम को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा अपना वकील बनाने की बात हो या निर्वाचन आयोग से संपत्ति या अन्य बातें छिपाने की खबरें हों, हमें अब कुछ भी हैरान नहीं करता। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमने शुरू से कहा है कि आप कांग्रेस की ‘बी’ टीम है और अब चिदंबरम की केजरीवाल सरकार का वकील बनना स्वीकार करने की खबरें साफ करती हैं कि कांग्रेस ने खुले तौर पर अपनी ‘बी’ टीम को बचाने का फैसला कर लिया है।