यूपी निकाय चुनाव: भाजपा की एक और सहयोगी पार्टी उसी के खिलाफ ठोकेगी ताल

उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भाजपा पर गठबंधन धर्म नहीं निभाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की बात कही, साथ ही कहा कि यदि हाल रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ सकती है। इससे पहले भाजपा की एक और सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) ने स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। अपना दल (एस) ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेताओं ने उसके प्रत्याशियों के बारे में विचार तक नहीं किया था।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष एंव योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव में उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। उन्होंने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय तथा महामंत्री सुनील बंसल समेत दल के वरिष्ठ नेताओं से कई बार गठजोड़ को लेकर बातचीत की लेकिन भाजपा नेताओं ने कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता निकाय चुनाव के लिए पर्चा दाखिल कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अलग चुनाव लड़ने का दोनों दलों के रिश्तों पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा, राजभर ने कहा कि यह समय बताएगा। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा का यही रवैया रहा तो आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ सकती है। गौरतलब है कि भाजपा ने 2017 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल एस के साथ मिलकर लड़ा था।

उल्लेखनीय है कि ओम प्रकाश राजभर कुछ दिनों पहले अपने एक बयान को लेकर मीडिया की सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने कहा था कि वह अपने बच्चों को स्कूल ना भेजने वाले अभिभावकों को पांच दिन तक थाने में भूखा-प्यासा बैठाएंगे। प्रदेश के दिव्यांग एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने बलिया जिले के रसड़ा कस्बे के गांधी मैदान में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा था, “मैं अपने मन का कानून बनाने वाला हूं। जिस गरीब का बच्चा विद्यालय नहीं जाएगा, उसके मां-बाप को पांच दिन थाने में बैठाऊंगा। ना पानी पीने दूंगा और ना ही खाना खाने दूंगा।”

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