धूमल के नाम से बल्ले-बल्ले हुआ भाजपा कार्यकर्ता: अनुराग

‘जब से धूमलजी का नाम प्रदेश में अगले भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में घोषित हुआ है तब से भाजपा काडर में एक अजीब-सी खुशी का माहौल देखा जा रहा है और वह बल्लियों उछल रहा है।’ यह कहना है हमीरपुर से लोकसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धमल के बेटे अनुराग ठाकुर का। यह बात उन्होंने जनसत्ता से विशेष चर्चा के दौरान कही। धूमल के नाम की घोषणा में विलंब के सवाल पर अनुुराग बोले, ‘जहां तक उनके नाम की घोषणा में देरी का सवाल है तो मुझे लगता है कि शायद वे लोग भी पावन दिन का खासतौर पर इंतजार कर रहे थे क्योंकि देवउठनी एकादशी की हिंदू परंपरा में बड़ी मान्यता है। यह 31 अक्तूबर को थी और धूमल के नाम की घोषणा भी प्रदेश में मतदान से ठीक नौ दिन पहले की गई। वोट आगामी नौ नवंबर को डाले जाएंगे। वैसे भी नौ का अंक उनके लिए अतिशुभ है। उनके नाम की घोषणा शाम 4.05 बजे हुई यानी इसका कुल जोड़ भी नौ ही बैठता है।’

नाम की घोषणा में नौ दिन के विलंब से भाजपा को कितना फायदा होगा, इसके जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘जी हां, इसका बड़ा लाभ पार्टी को मिलेगा। वैसे भी काडर को जोश की जरूरत थी और इस घोषणा ने वह कमी भी पूरी कर दी।’प्रदेश में अगले भाजपाई मुख्यमंत्री के लिए किसी युवा नेता के नाम पर जारी माथापच्ची तो इस विलंब की असल वजह नहीं, जवाब में अनुराग ने कहा, ‘बिलकुल नहीं, हमें वैसे भी प्रदेश में अब धूमल जैसे अनुभवी एवं कारगर मुख्यमंत्री की ही सख्त जरूरत है, जो सबसे पहले तो प्रदेश को भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकालकर लाए और प्रदेशभर में व्याप्त बेरोजगारी, लचर कानून-व्यवस्था, विकास के अभाव जैसे मसलों से कारगर ढंग से निपट सके। वैसे भी धूमल का नाम प्रदेश में ‘सड़कां ते बिजली वाला मुख्यमंत्री’ के नाम से चर्चित है। यूं भी अभी प्रदेश में सब अस्तव्यस्त नजर आ रहा है और इन सबसे प्रदेश को निकाल बाहर लाने का माद्दा यदि किसी शख्स में है तो वह हैं खुद धूमल।’
यदि भ्रष्टाचार ही इस बार प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए इतना अहम मसला है तो सुखराम जैसे ‘भ्रष्टतम’ नेता को अपने साथ जोड़ने से क्या लाभ होगा, अनुराग ने कहा, ‘सुखराम ने उन पर लगे तमाम आरोपों का खुद ही जवाब दिया है और उन्होंने यहां तक कहा कि कैसे वीरभद्र सिंह के ही कहने पर उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया। मुझे लगता है कि अब यह कोई मसला नहीं और इसका भाजपा की संभावनाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।’

कांग्रेस का यह दावा कि सत्ता विरोधी लहर प्रदेश में सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ हो, ऐसा नहीं क्योंकि नोटबंदी और जीएसटी के मसलों पर खुद भाजपा भी जनता के विरोध का सामना कर रही है, इसके जवाब में अनुराग ने बताया, ‘नोटबंदी के बाद हमने चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव जीता और उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत दर्ज कर दिखाई। जीएसटी के बाद भी हमने कई समितियों के चुनावों में बाजी मारी है।’जब तक प्रदेश में धूमल के नाम पर मुहर नहीं लगी थी तब तक भाजपा यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही लड़ रही थी पर क्या अब भी मोदी फेक्टर काम कर रहा है, अनुराग ने बताया, ‘हिमाचल में मोदी फेक्टर अब भी बरकरार है। उनके किए कामकाज यहां चर्चा का विषय हैं। पहले कांग्रेस वाले तो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और असम तक में कहते रहे कि वहां भी मोदी लहर नहीं है पर हम हर जगह सिर्फ इसी वजह से जीते।’

प्रदेश में 60 सीटों पर जीत के दावे के पीछे क्या मुख्य तर्क है, अनुराग ने कहा, ‘जी हां, प्रदेश में कांग्रेस विरोधी जबर्दस्त लहर चल रही है और केंद्र सरकार ने भी यहां कई अहम परियोजनाएं प्रदेशवासियों को सौगात के रूप में दी हैं, जिनमें बिलासपुर में एम्स अस्पताल भी शामिल है और यदि भाजपा सत्ता में आती है तो इन सभी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा भी कराया जाएगा और लोगों को ये सब अच्छे से पता भी है।’सत्ता में आते ही सबसे पहले भाजपा क्या करेगी, अनुराग ने कहा, ‘हमें युवाओं पर ध्यान देने की जरूरत है, जो नशे की ओर अग्रसर हैं और नशा, खनन, वन, परिवहन और शराब आदि माफियों पर तत्काल नकेल कसने की जरूरत है। कानून-व्यवस्था भी अब एक बड़ा मसला हो गया है और उसे भी तत्काल दुरुस्त किए जाने की जरूरत होगी। जिला ऊना के हलका हरोली में 23 युवाओं की मौत इसी नशाखोरी के कारण हुई।’

 

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