पाकिस्तान: हाई कोर्ट ने हिंदू से मुस्लिम बनी महिला को पति के साथ रहने की इजाजत दी

पाकिस्तान की एक अदालत ने इस्लाम धर्म अपनाने वाली 21 वर्षीय एक हिन्दू महिला को अपने मुस्लिम पति के साथ रहने की अनुमति प्रदान कर दी है। यह आदेश महिला द्वारा स्वेच्छापूर्वक नये धर्म को अपनाने और अपने माता-पिता के यहां जाने से इंकार कर देने के बाद दिया गया। कल मामले की सुनवाई के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शौकत अजीज सिद्दीकी ने पुलिस से दंपत्ति को सुरक्षा प्रदान कराने का भी आदेश दिया। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने खबर दी है कि मारिया के परिवार वालों ने दावा किया था कि उसे पहले कथित तौर पर अगवा कर लिया गया और उसके बाद उसे इस्लाम धर्म अपनाने और एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी करने के लिए मजबूर कर दिया। मारिया का हिन्दू नाम अनुशी है।

हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि मारिया ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म अपनाने की बात साबित करने के लिए अदालत में नमाज पढ़ी और कहा कि धर्म बदलने के लिए उन पर कोई दबाव नहीं था। मारिया और उसके पति बिलावल अली भुट्टो ने मर्जी से शादी करने के कारण धमकी मिलने को लेकर उच्च न्यायालय से सुरक्षा की मांग की। अदालत ने जब मारिया को अपने माता-पिता से मिलने को कहा तो उसने इंकार कर दिया। हालांकि, अदालत के आदेश पर न्यायाधीश के निजी सचिव के कार्यालय में उसने उन लोगों से करीब 40 मिनट की मुलाकात की।

रिपोर्ट के मुताबिक, मारिया की मां ने कोर्ट में अनुरोध किया था कि उनकी बेटी उन्हें दी जाए ताकि वह उसे समझा सके। उनकी मां ने आशंका जताया था कि शादी के कुछ वक्त बाद शायद भुट्टो मारिया की हत्या कर दे। इसके बाद जज ने कहा कि उन्हें लगता है कि मारिया को उनके परिवार को इसलिए नहीं सौंपना चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि उस पर दवाब बनाकर उसे फिर से हिंदू ना बना दे। जज के कहा कि इससे महिला की जिंदगी को मुश्किल होगी। उन्होंने कपल को इस्लामाबाद में रहने और पुलिस को सुरक्षा देने का आदेश दिया।

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