और धुएं से हलकान हुई दिल्ली, आज बंद रहेंगी पांचवीं तक की कक्षाएं

पड़ोसी राज्यों के खेतों में जलती पराली से उठ रहे धुएं और नमी के मेल से उपजी धुंध ने राजधानी दिल्ली को हलकान कर दिया है। इस दमघोटू धुंध का असर पड़ोसी इलाकों तक है। दिल्ली में तो कहर इस हद तक है कि अधिकारियों ने पार्किंग शुल्क में चार गुना वृद्धि करने और मेट्रो किराए कम करने समेत कुछ एहतियाती कदमों की घोषणा की।  धुंध से दिल्ली में दृश्यता का स्तर कम होने की वजह से ट्रेन और विमान परिचालन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। खराब आबोहवा की वजह से बाहर ही नहीं अंदर भी और यहां तक कि भूमिगत मेट्रो स्टेशनों पर भी लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। इस बीच सर्वोच्च न्यायालय की सिफारिश पर बनाए गए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने भी दिल्ली और आसपास के राज्यों को निर्देश दिया कि इस संकट की स्थिति में वाहन चलाने की ‘सम-विषम’ योजना की  तरह के और कदम लागू करने की तैयारी शुरू की जाए।

बहरहाल मंगलवार सुबह दिल्लीवासियों की नींद इस मौसम के सबसे घने-काले कोहरे के बीच हुई जिसमें सांस लेना दूभर था। प्रदूषण परमिसिबल स्टैंडर्ड (सहन करने योग्य स्तर) से कई गुना अधिक होने के चलते पूरी राजधानी दोपहर तक धुंध की मोटी चादर में लिपट रही। राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को ‘बहुत खराब’ की श्रेणी से ‘बेहद गंभीर’ की श्रेणी में चला गया। मौसम और पर्यावरण एजंसियों के मुताबिक बुधवार को प्रदूषण और धुंघ की स्थिति और खराब हो सकती है, अलगे दो दिनों तक राहत के आसार नहीं है, हालांकि 10 नवंबर से हवा के दिशा और गति के कारण थोड़ा सकारात्मक बदलाव अपेक्षित है।  मंगलवार सुबह दस बजे तक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हवा की गुणवत्ता को बेहद गंभीर स्थिति में बताया जिसका मतलब है कि प्रदूषण बेहत खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हवा की गुणवत्ता को खराब करने में प्रदूषण के दो कण अहम माने जाते हैं- पीएम 2.5 और पीएम 10। इन दोनों का स्तर राजधानी और आसपास सामान्य से 10 गुणा से भी ज्यादा हो गया है। सफर (सिस्टम आॅफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च) के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के सभी आठ केंद्रों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद गंभीर’ के 400 के स्तर के काफी ऊपर पाया गया। दोपहर 2.53 बजे लोधी रोड पर पीएम 2.5 का स्तर 569 (माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर) था तो शाम 7.15 पर 601 था। इसी तरह दोपहर में दिल्ली विश्वविद्यालय में पीएम 2.5 का स्तर 536 तो शाम को 669 रहा। जबकि, भारत में पीएम 2.5 का परमिसिबल स्तर 60 है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मानक 25 ही है।

यही हाल पीएम 10 का रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ए सुधाकर ने कहा, अभी दिल्ली और पड़ोस के इलाकों में सतह पर हवा लगभग स्थिर बनी हुई है, लेकिन ऊपर के वायुमंडल में दो तरह की हवाएं चल रही हैं- एक पंजाब से आ रही हैं जिसमें फसलों के जलाने का धुआं है तो दूसरी पूर्वी उत्तर प्रदेश से आ रही है जिसमें नमी है। ऊपरी वायुमंडल में ये विपरीत दिशा की हवाएं आपस में टकरा रही हैं जिससे भू-स्तर पर नमी और प्रदूषण आपस में मिल कर जहरीले धुंध का निर्माण कर रहे हैं। स्काइमेट के महेश पलावत ने कहा कि यह धुआं, प्रदूषण और कुहासे मिलकर बना कोहरा है। सितंबर के मध्य से राजधानी में बारिश बंद है और उसके बाद से ही प्रदूषण लगातार बढ़ता गया है। अगले एक हफ्ते तक बारिश के तो आसार नहीं हैं, लेकिन 10 नवंबर से हवा की दिशा और गति में बदलाव से थोड़ी राहत मिलेगी।

पार्किंग शुल्क चार गुना करने की घोषणा  धुंध

राजधानी में धुंध के कहर के बाद मंगलवार को दिल्ली सरकार जागी। प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के लिए अधिकारियों ने सिलसिलेवार कदम उठाते हुए प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और पार्किंग शुल्क को चार गुना करने सहित कई घोषणाएं कीं। सरकार का कहना है कि अगर हालात बिगड़े तो प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाने, निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने और सम-विषम योजना फिर शुरू करने जैसे उपायों को भी आजमाया जाएगा।  प्रदूषण की स्थिति से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई में मंगलवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में प्राथमिक स्कूलों को एक दिन के लिए बंद रखने का निर्णय किया गया। इस निर्णय की जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि स्कूलों को आगे बंद रखने के मुद्दे पर बुधवार को हालात का जायजा लेने के बाद फैसला किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए सभी स्कूलों को ये निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं कि वे स्कूल से बाहर होने वाली खेलकूद आदि तमाम गतिविधियों को फौरी तौर पर बंद कर दें।

सिसोदिया ने बताया कि बैठक में प्रदूषण को लेकर विचार- विमर्श के दौरान पाया गया कि स्थिति बेहद गंभीर स्थिति में भले नहीं पहुंची हो, लेकिन इसके करीब पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यदि हालात और बिगड़े तो सरकार सम-विषम योजना को अमली जामा पहनाएगी। दूसरी ओर शहर में ट्रकों की आवाजाही को रोकने और निर्माण कार्यो पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्णय भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सुबह की सैर करने वालों, बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अस्थमा के रोगियों, दिल के मरीजों आदि को भी घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। इस संबंध में आवश्यक सूचना जारी की जा रही है। इससे पहले प्रदूषण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों पर हमला बोला।

उन्होंने लगातार ट्वीट कर कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से बार-बार पत्र लिखने के बावजूद पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से आग्रह किया कि प्रदूषण को कम करने के लिए हवाई जहाज व हेलिकॉप्टरों से पानी का छिड़काव कराया जाए। लेकिन इस पर केंद्र ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलने का समय मांगा। लेकिन समय नहीं मिला। हालांकि बाद में यह बात स्पष्ट हो गई कि केंद्रीय मंत्री दिल्ली से बाहर हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने भी आरोप लगाया कि दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में केंद्र की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।

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