Sitara Devi Birthday: जानिए कौन हैं सितारा देवी जिन्होंने ‘भारत रत्‍न से कम कुछ नहीं, इसलिए पद्मभूषण नहीं लिया’

Sitara Devi Birthday: गूगल ने बुधवार को डूडल के जरिए कथक क्वीन सितारा देवी के 97वें जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। सितारा देवी एक कामयाब कथक डांसर थीं। उनकी कामयाबी के पीछे उनका कड़ा संघर्ष भी है। कथक नृत्यांगना के रूप में जानी जाने वाली सितारा देवी का जन्म 8 नवंबर, 1920 को कोलकाता में हुआ था। सितारा देवी को रबीन्द्रनाथ टैगोर ने ‘नृत्य सम्रागिनी’ का खिताब दिया था। उन्हें 16 साल की उम्र में ही यह खिताब मिला था। सितारा देवी के पिता सुखदेव महाराज भी एक कथक नर्तक और संस्कृत विद्वान थे। सुखदेव हमेशा चाहते थे कि उनकी बेटी नृत्य सीखे जिसकी वजह से उन्हें अपने समुदाय से काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। लेकिन यह सब उनके और सितारा देवी के हौसले को डिगा नहीं सका। नृत्य ही सितारा देवी की मंजिल थी और उस मंजिल तक पहुंचने तक कोई उन्हें रोक नहीं सका।

सितारा देवी ने काफी छोटी उम्र से कथक सीखना शुरू कर दिया था और लगभग 10 साल की उम्र में वह सोलो परफॉर्मेंस करने लगी थीं। जब उनका परिवार बंबई (अब मुंबई) में स्थानांतरित हुआ, तो उन्होंने आतिया बेगम पैलेस में कथक की प्रस्तुति दी, जो केवल चुनिंदा दर्शकों के लिए ही था। इस कार्यक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर, स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू और पारसी परोपकारी सर कोवासजी जहांगीर शामिल थे।

सितारा देवी को अपनी कला और नृत्य के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए 1970 में ‘पद्मश्री’ और 1994 में ‘कालिदास सम्मान’ से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। इसके अलावा 1969 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया था। वहीं 2002 में उन्होंने ‘पद्मभूषण’ सम्मान लेने से इनकार कर दिया था। न्यूज एजंसी पीटीआई के मुताबिक, इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा था कि वह भारत रतन से कम कोई अवॉर्ड नहीं लेंगी। मुंबई में उनकी एक कथक परफॉर्मैंस से रबीन्द्रनाथ टैगोर इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने सितारा देवी को एक शॉल और 50 रुपये की भेंट देकर सम्मानित किया। सितारा देवी कई फिल्मों में भी परफॉर्म कर चुकी थीं। फिल्म नगीना (1951), रोटी, वतन (1954) और अंजली (1957) में उन्होंने परफॉर्म किया था।

इसके अलावा सितारा देवी ने देश-विदेश में भी कई बड़े इवेंट्स में अपने कथक का जादू बिखेरा था। उन्होंने रॉयल एल्बर्ट हॉल, द कार्नेगी हॉल और न्यू यॉर्क में भी कथक परफॉर्म किया था। नृत्य से उनका लगाव इतना गहरा था कि इसने उनकी निजी जिंदगी पर भी असर डाला था। उनकी दो बार शादी हुई थी लेकिन कहा जाता है कि रिश्ता लंबे समय तक कायम नहीं रह सका था। एक और खास बात यह है कि बॉलीवुड की फेमस अभिनेत्रियां जैसे रेखा, मधुबाला, माला सिन्‍हा और काजोल को भी सितारा देवी ने ही डांस का गुण सिखाए थे। वहीं सितारा देवी के बारे में यह भी कहा जाता है कि जन्‍म के कुछ दिनों बाद उनके माता-पिता ने उन्‍हें एक नौकरानी को दे दिया था, क्‍योंकि उनका मुंह थोड़ा टेढ़ा था। नौकरानी ने बचपन में सितारा देवी की सेवा करके उनका मुंह ठीक किया था और उन्हें वापिस उनके माता-पिता को लौटा दिया था। शोहरत और कामयाबी का लंबा सफर तय करते हुए उन्होंने 94 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। 25 नवंबर, 2014 को जसलोक अस्पताल में उनका निधन हो गया था।

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