सांसद के काफिले के आगे बस देख आग बबूला हुए समर्थक, बीच सड़क रुकवा कर लगा दिया मजमा, परेशान रही जनता

यदि आपको नेतागिरी की हनक देखनी हो तो झारखंड के देवघर आइए। देवघर यानी देवताओं का घर। मंगलवार (7 नवंबर) रात टावर चौक पर जो हुआ वह कोई मजमा से कम नहीं था। बीच सड़क पर बस रोककर एक घंटे तक जाम लगवा सैकड़ों लोगों को बेवजह परेशान करने का जो तमाशा हुआ इसे किसी ने सही नहीं ठहराया। यह सब गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की मौजूदगी में हुआ। इनके साथ 208 नंबर की सफेद गाड़ी में चल रहे लड़के भले तालियां और उनकी वाहवाही कर रहे हो। मगर देवघर के वाशिंदों को यह काम कतई ठीक नहीं लगा। जाम से हलकान संजय भारद्वाज, धीरन राउत, प्रदीप यादव, शोभन नरोने ने बताया कि यह काम भैया को शोभा नहीं दिया। निशिकांत दुबे को इनके संसदीय क्षेत्र में इनके खासमखास लोग भैया, नेताजी, सांसदजी के नाम से बुलाते है।

इत्तफाक से यह संवाददाता भी जाम से रु-ब-रु हुआ। हुआ यूं कि मंगलवार रात 9 बजे करीब देवघर से बोकारो जानेवाली 4545 नंबर की बस टावर चौक के रास्ते बस स्टैंड जा रही थी। दूसरी ओर से सुरक्षा घेरे के बीच सांसद का काफिला आ गया। उन्हें वहां के एक रेस्तरां अशोक होटल में किसी बुलावे पर जाना था। बस को बीच सड़क पर आते देख आग बबूला हो गए। इनसे ज्यादा इनके साथ चल रहे छुटभय्यै नेता। बस को बीच सड़क पर रोक फोन पर फोन करना शुरू। फिर चल दिए रेस्तरां की ओर। इनके सुरक्षा गार्ड ने बस को रोके रखा। देखते ही देखते आगे-पीछे दर्जनों गाड़ियों टेम्पों, रिक्शा, ठेलों की कतार लग गई। आवाजाही बंद हो गई। जाम लग गया। आने जाने वाले लोगों के लिए यह नजारा मजमे से कम नहीं था। किसी को घर जाना था तो किसी को डॉक्टर को दिखाने। सब के सब फंसे खड़े थे। भैयाजी अपनी टोली के साथ रेस्तरां में। सुरक्षा गार्ड रायफल ले बस के आगे पीछे खड़े थे। जैसे कोई आतंकी बस शहर में प्रवेश कर गई हो।

थोड़ी देर में हाथ में वॉकी-टॉकी लिए हांफते से पहुंचे पुलिस इंस्पेक्टर विनोद कुमार। घड़ी में तबतक रात के 9:45 हो चुके थे। इसी दौरान रेस्तरां से अपनी टोली के साथ गेरूआ टी शर्ट पहने निकले भैयाजी। इंस्पेक्टर ने सलामी दी। इसपर उन्होंने कहा यह बस नो इंट्री में कैसे प्रवेश कर गई? कौन जिम्मेदार है? सस्पेंड करिए? इस संवाददाता ने भी सांसद से माजरा जानने की कोशिश की। वे बोले बस नो इंट्री में प्रवेश कर गई है। उनसे पूछा गया यह काम तो ट्रैफिक पुलिस का है। इस पर वे कोई जवाब दिए बगैर फौरन चल दिए। उनके जाने के बाद नाईट ड्रेस पहने एसडीओ रामनिवास यादव पहुंचे। और इंस्पेक्टर से कहने लगे जब यह रूट बसों के लिए नहीं है। तो कैसे बस आ गई। आखिरकार उनसे कहा गया कि जो करना है बस किनारे लगवाकर करिए। लोग बेवजह परेशान हो सड़क पर खड़े है। तबतक कतार और लंबी हो चुकी थी। रात सवा दस बज चुके थे। तब जाकर बस किनारे कराई गई और आवाजाही शुरू हो सकी। मगर सांसद निशिकांत दुबे की मौजूदगी में हुए इस तमाशे को किसी ने नहीं सराहा।

दरअसल इन दिनों देवघर में आए रोज हो रही सड़क दुर्घटनाओ में हो रही मौतों की वजह से सांसद थोड़ा सख्त हुए हैं। बताते है कि दो रोज पहले ही स्कूल से बाइक पर घर जा रहे दो सगे भाइयों की सड़क दुर्घटना में हुई मौत से देवघर विचलित है। हालांकि मंगलवार को ही सांसद ने आला अफसरों के साथ सड़क सुरक्षा से संबंधित बैठक भी की। जिसकी अध्यक्षता खुद ही की।

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