VIDEO: जयपुर में 50 हजार लोगों ने एक साथ ‘वंदे मातरम’ गाकर मनाई नोटबंदी की पहली वर्षगांठ
नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में बुधवार को करीब 50 हजार लोगों ने इकट्ठा होकर ‘वंदे मातरम’ गाया। इस समारोह का आयोजन हिंदू अध्यात्मिक और सेवा फाउंडेशन ने राजस्थान यूथ बोर्ड के साथ मिलकर आयोजित किया था। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु भी इस समारोह में मौजूद थे। भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली राज्य सरकार और पार्टी की प्रदेश इकाई ने नोटबंदी की वर्षगांठ को ‘एंटी ब्लैक मनी’ दिवस के रूप में मनाया। कलाकारों ने ‘वंदे मातरम्’ की अलग-अलग स्वरों में प्रस्तुतियां दीं। आयोजकों ने समारोह में भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी एनएसएस, एनसीसी, स्काउट एंड गाइड और आरएसएस कार्यकर्ताओं को दी गई थी।
वहीं विपक्षी दलों ने राजस्थान में विरोध प्रदर्शन कर कहा कि नोटबंदी ने देश की आर्थिक आजादी छीनी है। नोटबंदी के कारण आम आदमी, किसानों, मजदूरों को मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है। लाखों लोग बेरोजगार हो गये है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नोटबंदी के एक वर्ष पूरा होने पर काला दिवस मनाते हुए राज्य भर में नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन किये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक मंदी के दौर में नोटबंदी थोपने के कारण देश में आर्थिक आतंक का माहौल पैदा हो गया , लोग महीनों तक लाइनों में लगे रहे, पंद्रह लाख लोग बेरोजगार हो गये।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में नोटबंदी की जरूरत ही नहीं थी, इसके बावजूद देश में नोटबंदी थोप दी गई। सरकार द्वारा नोटबंदी के कारण आतंकवाद कम होने का प्रतिकार करते हुए उन्होंने दावा किया कि एक साल में आतंकवादी घटनाओं में 33 प्रतिशत की वृद्वि हुई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि नोटबंदी के कारण आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है, लोग परेशानियों से जुझ रहे है, लाखों लोग बेरोजगार हो गये।
वामदलों ने नोटबंदी के विरोध में जयपुर कलेक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन ष्कर धरना दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल के सदस्य रविन्द्र शुक्ला, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डी के छंगाणी, समाजवादी पार्टी के शैलेन्द्र अवस्थी तथा सीपीआईएम की जिला सचिव सुमित्रा चोपड़ा ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया। वामदलों के पदाधिकारियों ने कहा कि गरीब मजदूर तो आज तक भी संभल नहीं पाया है और न ही नोटबंदी के दौरान मरने वाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा दिया गया।