पैराडाइज पेपर्स में नाम आने के लिए बेटे जयंत सिन्हा की हो जांच, साथ में जय शाह की भी हो: यशवंत सिन्हा

पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को “पूरी तरह रद्दी” बताते हुए सिन्हा ने कहा है कि इसे मरम्मत करके सुधारा नहीं जा सकता। यशवंत सिन्हा ने अपने बेटे जयंत सिन्हा समेत पैराडाइज पेपर्स में जिन भी नेताओं का नाम आया है उनके खिलाफ जाँच की माँग की है। सिन्हा ने कहा कि जयंत सिन्हा की जांच होनी चाहिए बशर्ते बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की वित्तीय अनिमितता के मामले में जांच की जाए। इंटरनेशनल कॉन्सोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सामने आए पैराडाइज पेपर्स में बीजेपी नेता जयंत सिन्हा और आरके सिन्हा के नाम आए हैं। जयंत सिन्हा और आरके सिन्हा ने किसी भी तरह की अनियमितता के आरोप से इनकार किया है।

यशवंत सिन्हा ने एनडीटीवी से कहा, “सरकार से मेरी मांग है कि जिन लोगों के नाम पैराडाइज पेपर्स में आए हैं उनके खिलाफ समयबद्ध तरीके से जाँच होनी चाहिए। ये समय सीमा 15 दिन या एक महीने होनी चाहिए।” यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार को अमित शाह के बेटे जय शाह पर लगे आरोपों की भी स्वतंत्र जाँच कराना चाहिए। जय शाह की कंपनी टेंपल एटंरप्राइजेज पर समाचार वेबसाइट द वायर ने आरोप लगाया कि कंपनी का कारोबार केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद एक साल में कई हजार गुना बढ़ गया था। जय शाह ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए द वायर पर 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा किया है।

यशवंत सिन्हा ने समाचार चैनल एनडीटीवी से कहा, “मेरा सवाल ये है कि अगर जयंत सिन्हा के खिलाफ जाँच हो सकती है तो जय शाह के खिलाफ क्यों नहीं?” इससे पहले यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस में लेख लिखकर नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों की आलोचना करते हुए कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्ता की स्थिति खराब हो चुकी है। यशवंत सिन्हा के बाद उनके बेटे जयंत सिन्हा ने टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में लिखे एक लेख में कहा कि जो लोग मोदी सरकार की नीतियों और अर्थव्यवस्था की आलोचना कर रहे हैं उनके पास पूरे तथ्य नहीं हैं। हालांक जयंत सिन्हा ने अपने लेख में किसी का नाम नहीं लिया था।

 

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