यूएन एक्‍सपर्ट ने गिनाईं नरेंद्र मोदी के स्‍वच्‍छता म‍िशन की खामियां, सरकार ने दिया कड़ा जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में खामी पाई गई है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में स्वस्छता और जल मामलों के विशेषज्ञ लियो हेलर दो हफ्तों के भारत दौरे पर हैं। उन्होंने पाया कि केंद्र सरकार ने इस अभियान में मानवाधिकार सिद्धांतों का ध्यान नहीं रखा। उनके मुताबिक, सरकार रोशनी की रफ्तार से बढ़ रही है, जिस कारण ये चूक हुईं। शुक्रवार को हुई एक प्रेजेंटेशन में उन्होंने इन्हीं बातों का जिक्र किया, जिस पर केंद्र सरकार ने इस पर कड़ा जवाब दिया है। हेलर की प्रेजेंटेशन के कुछ घंटों बाद ही सरकार का बयान जारी हुआ।

सरकार की ओर से कहा गया, “विशेषज्ञ की हिला देने वाली रिपोर्ट गलतियों और पूर्वाग्रहों से भरी है।” हेलर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार जिस तरह शौचालय निर्माण को तवज्जो दे रही है, वह कहीं पेयजल मुहैया कराने का मुद्दा कमजोर न कर दे। उन्होंने यहां प्राधिकरणों द्वारा अपनाई जा रही आक्रामक और अपमानजनक प्रथाओं का भी जिक्र किया। अधिकारी उसमें तय लक्ष्य तक पहुंचने के लिए लोगों के घर की बिजली और राशन कार्ड से नाम काट देते हैं। सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके यहां शौचालय नहीं होता।

हेलर के मुताबिक, वह जहां गए वहां उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के लोगो के रूप में महात्मा गांधी का चश्मा नजर आया। अभियान को तीन साल होने पर जरूरी है कि उस चश्मे में मानवाधिकार का लेंस रीप्लेस किया जाए। केंद्र सरकार ने इसी पर आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें हेलर की राय की आलोचना की गई। सरकार का कहना है कि विशेषज्ञ का बयान इससे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए संवेदनहीनता दिखाता है।

 

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